Waqf Amendment Bill: 2 अप्रैल यानी आज संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया. इसके जरिये मौजूदा वक्फ कानून में बदलाव किया जाना है. सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं. इसको देखते हुए यूपी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. पुलिस चप्पे-चप्पे पर गश्त कर रही है. सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. मंगलवार को वाराणसी में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. आज लोकसभा में आठ घंटे की चर्चा के बाद बिल पारित कराने की तैयारी है. NDA और विपक्ष दोनों एकजुट हैं.
वक्फ बिल को लेकर यूपी में अलर्ट
सपा, कांग्रेस समेत तमाम विरोधी दलों ने वक्फ संसोधन विधेयक को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि इसके लिए हम पहले से तैयार रहे हैं. वहीं, इसे देखते हुए यूपी पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया.
मौलाना तौकीर रजा ने कहा...
इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने बड़ा बयान दिया है. तौकीर राजा के मुताबिक वक्फ संशोधन बिल सरकार इसलिए पेश कर रही है क्योंकि वह धर्म विशेष को खुश करना चाहती है. मौलाना तौकीर ने कहा कि ऐसा नहीं की वक्फ बोर्ड में खामियां हैं बल्कि वह मुसलमान को परेशान करके एक धर्म विशेष के लोगों को खुश करना चाहती है ताकि वह उसको वोट करें. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड पर जो बदलाव करना चाह रही है ,कर ले, हमारी जमीनों पर कब्जा कर ले. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल ले आओ और हमारी जायदाद पर कब्जा कर लो , हमें कोई दिक्कत नहीं. उन्होंने कहा कि जितना मुसलमान को सताया जाएगा उतने ही धर्म विशेष के लोग खुश होंगे. मौलाना तौकीर राजा के मुताबिक वक्त संशोधन बिल की आड़ में सरकार वक्फ की हुई जमीनों पर कब्जे की निगाह रखी हुई है.
समर्थन मे भारतीय सूफ़ी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफ़ी कशिश वारसी
वफ्फ बिल के स्वागत और समर्थन मे उतरे भारतीय सूफ़ी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफ़ी कशिश वारसी ने वफ्फ बिल का विरोध कर रहे AIMPLB और अन्य लोगो पर बड़ा हमला किया है. तो वहीं ओवैसी और उनके समर्थकों को वफ्फ माफिया बताया है. कशिस वारसी ने कहा कि विरोध के पीछे कोई गहरा राज है, जिन्होंने गरीब मुसलमानों का हक मार कब्जे कराये उनके जेल जाने का वक्त आ गया. बोले जो वफ्फ बिल की मुखालख़त(विरोध) कर रहे है वो मुखालखत करते तब अच्छे लगते जब उन्होंने वफ्फ की जमीनों पर हुए कब्जो को मुक्त कराया होता. आज तक वफ्फ बोर्डो ने किया क्या है जो हक़ गरीब मुसलमानों का था वो उसको नहीं दिया. कहीं भी वफ्फ प्रॉपर्टी पर अस्पताल, स्कूल या कॉलेज नहीं बनाए बल्कि उन वफ्फ प्रॉपर्टी को बेच दिया. जो वफ्फ माफिया है उन्होंने गरीब मुसलमानों के लिए मकान बनाए कहीं नहीं बनाए. आज तक वफ्फ बोर्ड ने कोई काम नहीं किया सिवाए अपनी जेब भरने के. उन्होंने कहा कि अफ़सोस होता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उन लोगों पर जो वफ्फ बिल की मुखालख़त करते है. अगर उन्होने कब्ज़ा मुक्त कराकर गरीब मुसलमानों का उद्धार करा दिया होता तब मुखालख़त करते अच्छे लगते. सूफ़ी कशिश वारसी मे वफ्फ बिल का स्वागत करते हुए कहा कि देश की सरकार से अपील करता हूं की वफ्फ बिल लगने के बाद मुसलमानों के लिए काम हो और गरीब मुसलमानों के लिए मकान, अस्पताल और स्कूल कॉलेज बने. गरीब मुसलमानों का हक़ उनको मिले इसके लिए हम वफ्फ बिल का समर्थन और स्वागत करते है.
रायबरेली के मुसलमानों की अलग अलग राय
आज बुधवार को संसद में पेश होने वाले वक्फ संशोधन बिल को लेकर रायबरेली के मुसलमानों की अलग अलग राय सामने आई है. कुछ मुसलमान इसे सीधे तौर पर हिन्दू मुस्लिम की राजनीति करार दे रहे हैं तो कुछ लोग इसे लेकर हर हाल में सड़क पर उतर कर विरोध करने की बात कह रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी मुसलमान हैं जिन्हें पीएम मोदी के इस बिल में मुसलमानों का भला नज़र आ रहा है.
शहाबुद्दीन बरेलवी ने की मुस्लिम आवाम से अपील
वक्फ संशोधन बिल आज सदन में पेश होना है इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने मुस्लिम आवाम से अपील की है कि वक्फ संशोधन बिल में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे मुसलमानो को डरने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले वक्फ संशोधन बिल को लेकर अफवाह फैला रहे हैं बिल पास होने के बाद ना तो मस्जिद थोड़ी जाएगी मदरसे की जमीन कब्जा किया जाएगा. जैसे हालात है वैसे ही हालात बने रहेंगे बल्कि सुविधाओं के मामलों में और ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो लोग भी वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं उन्हें डर है कि वक्फ बोर्ड की आड़ में भू माफिया जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और अब उनकी मनमर्जी खत्म हो जाएगी. जिसके चलते वह मुसलमान को बरगलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने आशा की आज सदन में अगर वक्फ संशोधन बिल पेश हो जाता है तो यह एक सराहनीय पहल होगी.
क्या है वक्फ ?
वक्फ (संशोधन) बिल 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला एक विधेयक है. इसे केंद्र सरकार आज लोकसभा में पेश करेगी. इस पर चर्चा होगी और इसे पास कराने की कोशिश होगी. इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करना है. हमारे देश में वक्फ की अवधारणा दिल्ली सल्तनत के समय से चली आ रही है. वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है. इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए अपनी संपत्ति को वक्फ के लिए किसी को दान कर सकता है. बस उस व्यक्ति की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. दान की हुई संपत्ति का मालिक व्यक्ति नहीं बल्कि अल्लाह को माना जाता है. हालांकि इसे चलाने के लिए वक्फ बोर्ड होते हैं. सभी वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम 1995 के तहत काम करते हैं.
वक्फ बिल में क्या बदलाव?
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्यों को शामिल करना, कलेक्टर को संपत्ति सर्वे का अधिकार देना है और वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती देने का प्रावधान शामिल है.
कब पारित किया गया था पहली बार वक्फ अधिनियम?
देश की आजादी मिलने के बाद साल 1954 में वक्फ अधिनियम पहली बार संसद की ओर से पारित किया गया था. साल 1995 में इसे एक नए वक्फ अधिनियम से बदला गया. साल 2013 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया गया.