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कोलकाता रेप कांड पर नोएडा से लेकर लखनऊ-कानपुर तक भड़का डॉक्टरों का गुस्सा, सेवाएं ठप होने से मरीज परेशान

Kolkata Doctor Rape Case: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद नृशंस हत्या की घटना से पूरे देश के डॉक्टरों ने आंदोलन छेड़ दिया है. जिसका असर उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में दिखा. यहां सरकारी डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं केवल आपातकालीन सेवा ही चालू हैं.

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कोलकाता रेप कांड पर नोएडा से लेकर लखनऊ-कानपुर तक भड़का डॉक्टरों का गुस्सा, सेवाएं ठप होने से मरीज परेशान
Pradeep Kumar Raghav |Updated: Aug 16, 2024, 05:22 PM IST
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Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के बीच आक्रोश फैला हुआ है. राजधानी लखनऊ समेत कई बड़े शहरों के अस्पतालों में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. लखनऊ के लोहिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टर लगातार धरने पर बैठे हुए हैं, जिसके कारण ओपीडी पूरी तरह बंद है और केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू हैं. इसी तरह, केजीएमयू, पीजीआई, बलरामपुर हॉस्पिटल, और लोहिया संस्थान के डॉक्टर भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

आक्रोशित डॉक्टरों की मांग
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लोहिया संस्थान में धरने पर बैठे डॉक्टरों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती, सख्त कानून नहीं बनाए जाते, और आरोपियों को फांसी की सजा नहीं मिलती, तब तक यह धरना जारी रहेगा.

केवल इमरजेंसी सेवा चालू
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता और कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष, डॉ. भुवन तिवारी ने इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि जूनियर डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है, लेकिन केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चल रही हैं, जबकि ओपीडी पूरी तरह से ठप है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी और यह धरना प्रदर्शन खत्म होगा, क्योंकि इससे मरीजों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन का प्रदर्शन
प्रयागराज में भी कोलकाता में हुए इस अपराध के खिलाफ एएमए (इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन) के डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने 17 अगस्त की सुबह 6 बजे से लेकर 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक हड़ताल की घोषणा की है, जिसके तहत सभी चिकित्सकीय सेवाएं बंद रहेंगी. एएमए के डॉक्टरों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और कठोरतम सजा की मांग की है. साथ ही, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की भी मांग की गई है.

कानपुर के हैलेट अस्पताल में भी हड़ताल
कानपुर के हैलेट अस्पताल में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है. कलकत्ता में साथी डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर डॉक्टरों में गहरा रोष है, जिसके चलते ओपीडी में पर्चा बनना बंद हो गया है. केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू हैं. अस्पताल के गेट पर मरीजों का मजमा लगा हुआ है, क्योंकि पर्चा और इलाज की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है.

ग्रेटर नोएडा के जिम्स में ओपीडी ठप
ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल की ओपीडी भी बंद है, और डॉक्टर धरने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखी गई हैं.

लखीमपुर खीरी जिला अस्पताल के डॉक्टरों की मांग
लखीमपुर खीरी के जिला अस्पताल में भी डॉक्टरों ने हड़ताल की है. यहां के मेडिकल स्टाफ ने हाथों में तख्तियां लेकर अपनी आवाज बुलंद की और बलात्कारी को फांसी देने की मांग की. डॉक्टरों के अलावा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों के तीमारदारों ने भी आरोपियों को फांसी देने की मांग की है.

देशव्यापी हुआ डॉक्टरों का आंदोलन
डॉक्टरों का यह आंदोलन अब देशव्यापी रूप ले चुका है, और वे सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. इस मामले में डॉक्टरों की प्रमुख मांगें हैं कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाएं, और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए. जब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहेगा.

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