Waqf Act: नजूल भूमि विधेयक की वापसी के बीच वक्फ कानून पर संशोधन से जुड़ा मोदी सरकार का विधेयक उत्तर प्रदेश में नया सियासी बवंडर खड़ा कर सकता है. केंद्र सरकार वक्फ कानून में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है और सोमवार को इससे संबंधित विधेयक संसदमें पेश किया जा सकता है. इसको लेकर संदन में विपक्षी दल हंगामा कर सकते हैं.
क्या असर होगा?
सूत्रों का कहना है कि वक्फ अधिनियम में सरकार की ओर से 40 संशोधन वाला नया बिल पेश किया जा सकता है. ऐसे में वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने की शक्तियों पर अंकुश लग जाएगा. वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर दावों का अनिवार्य सत्यापन होगा.यूपी में नई ऊर्जा मिलने के बाद अखिलेश यादव की सपा और राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस का इस पर रुख देखने वाला होगा.
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ का अर्थ है 'अल्लाह के नाम' मतलब जो जमीन किसी शख्स या संस्था के नाम रजिस्टर्ड नहीं हैं लेकिन इनका संबंध मुस्लिम समाज से है, इनको वक्फ जमनें कहा जाता है. जिनमें ईदगाह, मजार, मदरस और मस्जिद समेत कई जगह शामिल हैं. सवाल खड़े हुए इन जमीनों को गलत तरीके से उपयोग करने के साथ ही गैरकानूनी ढंग से बेचा भी जा रहा है. इन पर लगाम लगाने और निगरानी के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया. साल 1954 में पहली बार वक्फ एक्ट पारित किया गया लेकिन इसको निरस्त करना पड़ा. 1995 में नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया. इस एक्ट से बोर्ड को ज्यादा अधिकार मिले.साल 2013 में संसोशधन के बाद वक्फ बर्ड को इन मामलों में पूर्ण स्वायत्तता मिल गई.
यूपी में वक्फ की कितनी जमीन?
यूपी में सुनी वक्फ बोर्ड के सपा 1.23 लाख जमीन है जबकि शिया वक्फ बोर्ड के पास 3102 जमीन हैं. शिया वक्फ बोर्ड की जमीनें भले कम हों लेकिन इनके टुकड़े बेहद बड़े हैं.
पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई आपत्ति
वक्फ एक्ट में संशोधन संबंधी विधेयक को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ी आपत्ति जताई है. बोर्ड का कहना है कि वक्फ एक्ट 2013 में इस तरह का कोई भी बदलाव, जो वक्फ संपत्तियों की हैसियत और प्रकृति पर प्रभाव डाले या उन्हें हड़पना सरकार या किसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाए, उसे हरगिज कुबूल नहीं होगा.