Rapido Bike Taxi: यूपी में रैपिडो बाइक टैक्सी चलाने वालों को अब प्राथमिक उपचार करने की ट्रेनिंग दी जाएगी. लखनऊ में आज विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस पर रैपिडो बाइक टैक्सी के 1200 ड्राइवर्स को CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और फर्स्ट एड यानी प्राथमिक उपचार दी जाएगी. यह ट्रेनिंग मेदांता हॉस्पिटल (शहीद पथ) में आयोजित होगा, जिसमें देश के 16 राज्यों से आए डॉक्टर्स और विशेषज्ञ शामिल होंगे.
ये ट्रेनिंग क्यों है जरूरी?
प्रदेश की योगी सरकार सड़क सुरक्षा और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर है. ऐसे ही यह अनूठा अभियान चलाया जा रहा है, जो 'हर नागरिक एक रक्षक' की भावना को मजबूती देगा. ट्रेनिंग के बाद रैपिडो कैप्टन सिर्फ सवारी नहीं पहुंचाएंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर किसी की जान बचाने में भी सक्षम होंगे. रिपोर्ट्स की माने तो हर साल देश में 1.5 लाख से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं, यानी हर दिन औसतन 400 से ज्यादा मौतें हैं.
कौन होगा 'पहला मददगार'?
कई को तो प्राथमिक इलाज नहीं मिल पाता. रैपिडो बाइक ड्राइवर्स की गिनती हजारों में है और ये हर रोज सड़कों पर रहते हैं. ऐसे में यह ट्रेनिंग उन्हें इमरजेंसी में 'पहला मददगार' बना देगा. इस ट्रेनिंग के दौरान बताया जाएगा कि CPR कैसे देना है. ब्लीडिंग कंट्रोल यानी खून बहने से कैसे रोका जाए. फर्स्ट एड किट का सही इस्तेमाल कैसे करना है. इमरजेंसी नंबर और प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी. सड़क सुरक्षा के जरूरी उपाय भी बताए जाएंगे.
'एक दिन, एक राष्ट्र, एक लक्ष्य'
इस अभियान का संचालन सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर, ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन (SACTEM) और रैपिडो मिलकर कर रहे हैं. यह मिशन 'एक दिन, एक राष्ट्र, एक लक्ष्य' के संकल्प के साथ शुरू किया जा रहा है, जो न सिर्फ यूपी, बल्कि देशभर में सड़क सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे पहले योगी सरकार स्कूलों और पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में भी CPR की ट्रेनिंग दे चुकी है.