UP School News: यूपी में स्कूल कॉलेज और तकनीकी संस्थान खोलने के नियम अब आसान हो गए हैं. अब 9 मीटर चौड़ी सड़क पर 500 वर्गमीटर भूखंड पर भी नर्सरी खोली जा सकेगी. नए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के प्रस्ताव से यह नियम बदले जाएंगे. प्राइमरी स्कूल के लिए एक हजार वर्गमीटर भूखंड, डिग्री कॉलेज के लिए 5000 वर्गमीटर और विश्वविद्यालय के लिए 20000 वर्गमीटर भूखंड की जरूरत होगी. नई व्यवस्था से संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.
नए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025
जैसे ही प्रस्तावित उपविधि लागू हो जाएगा, वैसे ही नौ मीटर चौड़ी सड़क किनारे स्थित 500 वर्गमीटर के भूखंड पर भी नर्सरी के लिए भवन निर्माण किया जाएगा. अब न्यूनतम 12 मीटर चौड़ी सड़क किनारे ही नर्सरी और प्राइमरी स्कूल खोला जा सकता है. अगर दो हजार वर्गमीटर का भूखंड 12 मीटर चौड़ी सड़क किनारे है तो इंटर कॉलेज बनाया जाएगा. डिग्री कॉलेज और तकनीकी संस्थान के लिए पांच हजार वर्गमीटर का भूखंड होगा.
आवासीय भूखंड होने पर ग्राउंड कवरेज
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आवासीय भूखंड होने पर ग्राउंड कवरेज का 25 फीसदी तक क्रेच खोला जाएगा. नर्सरी से लेकर विश्वविद्यालय तक भवनों के लिए 17 साल से लागू भवन निर्माण संबंधी मानकों में व्यापक बदलाव कर योगी सरकार ने उन्हें व्यावहारिक बनाया है.
महंगी जमीन होने के साथ ही शहरी इलाके में चौड़ी सड़क पर बड़े भूखंड मिलना आसान नहीं है, ऐसे ही शिक्षण संस्थानों के लिए प्रस्तावित उपविधि में सड़क की चौड़ाई घटाने के साथ ही भूखंड के क्षेत्रफल को भी कम किया गया है.
खेल के मैदान की अनिवार्यता
18 मीटर चौड़ी सड़क होने पर पांच हजार वर्गमीटर के भूखंड पर डिग्री कॉलेज और तकनीकी संस्थानों के लिए भवन का निर्माण किया जाएगा. विश्वविद्यालय खोलने के लिए 24 मीटर चौड़ी सड़क किनारे 20 हजार वर्गमीटर का भूखंड की जरूरत होगी. भूखंड के आकार को यूपी बोर्ड समेत अन्य तय मानकों के हिसाब से प्रस्तावित किया गया है. खेल के मैदान की अनिवार्यता बनाए रखी गई है.
पिक एंड ड्राप की व्यवस्था
स्कूल के बाहर ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए उपविधि में बसों की पार्किंग के साथ ही पिक एंड ड्राप की व्यवस्था भी स्कूल परिसर में की जाएगी. अग्नि मानदंडों को ध्यान में रखते हुए ग्राउंड कवरेज और सेटबैक के मानकों में राहत देने से अब भूमि का 40 फीसदी तक ज्यादा निर्माण संभव होगा. सड़क की चौड़ाई को ध्यान में रखते हुए फ्लोर एरिया रेशियो(एफएआर) को दो से बढ़ाकर सात करने से कम जगह में ज्यादा ऊंचाई के भवन बनाए जाएंगे. पार्किंग की उचित व्यवस्था करने के लिए 10 फीसदी कवरेज के साथ एक अलग ब्लॉक की परमिशन दी जाएगी.
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