trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02332298
Home >>लखनऊ

Old pension in UP: यूपी में 60 हजार शिक्षकों को पुरानी पेंशन पर मुहर, न्यू पेंशन स्कीम के मुकाबले बंपर फायदे

Old pension in UP: पुरानी पेंशन चुनावी मुद्दों में से एक रहा है. इसका असर हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी दिखा. अब योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. यूपी सरकार 60 हजार शिक्षक- कर्मचारियों की मुराद पूरी करने जा रही है. दरअसल, सरकार ने नई और पुरानी पेंशन में एक विकल्प चुनने का अवसर दिया है.

Advertisement
Old pension in UP: यूपी में 60 हजार शिक्षकों को पुरानी पेंशन पर मुहर, न्यू पेंशन स्कीम के मुकाबले बंपर फायदे
Pooja Singh|Updated: Jul 12, 2024, 09:54 AM IST
Share

Old pension in UP: पुरानी पेंशन की मांग को लेकर लंबे समय से यूपी में चल रहे आंदोलनों के बीच 60 हजार शिक्षक- कर्मचारियों की यह मुराद पूरी होने वाली है. प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षकों के लिए नई या पुरानी में कोई एक पेंशन चुनने का विकल्प जारी कर दिया है. गुरुवार यानी कल वित्त विभाग की तरफ से पुरानी पेंशन (Old Pension) का आदेश जारी किया गया है. इस आदेश में शिक्षकों को ऑप्शन के तौर पर नई और पुरानी पेंशन दोनों विकल्प दिए गए हैं. शिक्षकों की ओर से भरा गया यह विकल्प अंतिम होगा. इसके बाद वह कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे.

चुनावी मुद्दा रहा है पुरानी पेंशन 
पिछले कुछ सालों से यूपी समेत देश की सियासत में पुरानी पेंशन की मांग एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है. कांग्रेस ने कुछ विधानसभा चुनावों में अपने घोषणापत्र का हिस्सा भी बनाया था. इसके बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसे लागू करने की कवायद भी शुरू की गई थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी में अखिलेश ने भी इसे मुद्दा बनाया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष ने इसे अपने घोषणापत्र का हिस्सा बनाया था. यही नहीं इसके बाद से नई पेंशन स्कीम को और व्यावहारिक बनाने के लिए सरकार की ओर से भी वादे किए गए. हालांकि, अभी तक पुरानी पेंशन की वापसी की कोई राह नहीं दिख रही है.

2005 में लागू की गई थी अधिसूचना 
अब उत्तर प्रदेश में 60 हजार शिक्षक-कर्मचारी पुरानी पेंशन के दायरे में शामिल होने जा रहे हैं. आपको बता दें, प्रदेश में नई पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2005 से लागू की गई थी. इसके लिए अधिसूचना 28 मार्च 2005 को लागू हुई थी. विशिष्ट बीटीसी और अन्य भर्तियों के जरिए चयनित लगभग 60 हजार शिक्षक और कर्मचारी ऐसे थे, जिनकी नियुक्ति तो 2006 में हुई थी, लेकिन इसका विज्ञापन नई पेंशन की अधिसूचना जारी होने के पहले निकला था, इसलिए वह विज्ञापन के आधार पर लगातार पुरानी पेंशन में शामिल किए जाने की मांग कर रहे थे.

विकल्प के आधार पर मिलेगा फायदा
शिक्षकों का तर्क था कि चूंकि उनकी नियुक्ति का विज्ञापन अधिसूचना के पहले का है, इसलिए वह पुरानी पेंशन के हकदार हैं. इसको लेकर सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई चली थी. केंद्र सरकार ने ऐसे मामलों में पिछले साल ही पुरानी पेंशन देने का आदेश जारी कर दिया था. यूपी में 25 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अधिसूचना के पहले के विज्ञापन से नियुक्त शिक्षकों-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की इजाजत दे दी. 28 जून को इसका शासनादेश भी जारी दिया गया. इसके बाद गुरुवार को वित्त विभाग ने इसका आदेश जारी कर शिक्षकों को विकल्प भरने के लिए कह दिया है. विकल्प के आधार पर उनको पुरानी पेंशन के सभी लाभ दिए जाएंगे. यानी अब इन 60 हजार शिक्षक-कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन का रास्ता साफ हो गया है. 

Read More
{}{}