Lucknow News: लखनऊ के केसरी खेड़ा फाटक के पास बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज पर राकेश यादव नामक व्यक्ति के कॉम्प्लेक्स के पुल के बीच में आ जाने की वजह से पुल के निर्माण कार्य को रोक दिया गया है. अब इस पर अपडेट आई है. सात महीने से पुल के राह में रोड़ा बने कॉप्लेक्स को तोड़ा जाएगा.अब LDA ने कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया है जिसके बाद कंपलेक्स टूटेगा और 5 लाख की आबादी को राहत मिलेगी.
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार
कहा जा रहा है कि रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने पर यातायात व्यवस्था सुधर जाएगी. महाराजापुरम, गंगाखेड़ा, पंडितखेड़ा जैसे इलाकों के लोग हर रोज इसी अधूरे पुल के नीचे अपना गुजर बसर कर रहे हैं. वहीं, यहां ट्रैफिक जाम भी आम बात है और जब दो-तीन ट्रेनें एक साथ आ जाती हैं, तो हालात और भी खराब हो जाते हैं. उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की माने तो यह कॉम्प्लेक्स ग्रीन बेल्ट के तहत आता है और इसे हटाना जरूरी है, लेकिन जिस जमीन पर यह कॉम्प्लेक्स बना है, उसके मालिकों की सहमति नहीं मिल पा रही है.
क्या है ये पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दो लेन का यह ओवरब्रिज लखनऊ-कानपुर रेल सेक्शन पर क्रॉसिंग संख्या 4 पर कृष्णानगर को केसरीखेड़ा से जोड़ने के लिए बन रहा है. इसका निर्माण कार्य 1 फरवरी 2024 को शुरू हुआ था. जिसकी शुरुआती लागत 74.48 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब बढ़ाकर 84 करोड़ रुपये कर दी गई है. हालांकि, पुल के रास्ते में आने वाले एक कॉम्प्लेक्स की वजह से निर्माण कार्य रुक गया. यह मामला भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और मुआवजे के कानून में अटक गया है. यह कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता तो लाता है, लेकिन काम की गति को धीमा कर देता है. अब LDA ने कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया है जिसके बाद यह गिरा दिया जाएगा और पुल का कांटा निकल जाएगा.