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UPPSC: RO ARO पेपर लीक के आरोपियों ने उगले राज, बताया कुछ घंटे में आ गए खाते में करोड़ों रुपये

UPPSC: सिपाही भर्ती और उप्र लोक सेवा आयोग की आरओ/एआरओ परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्य रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने कई राज उगले हैं। आरोपियों ने कुबूला है कि उन्होंने पेपर लीक कराने के बदले अभ्यर्थियों से मिली रकम.

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UPPSC: RO ARO पेपर लीक के आरोपियों ने उगले राज, बताया कुछ घंटे में आ गए खाते में करोड़ों रुपये
Updated: Nov 21, 2024, 07:47 AM IST
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UP Police Recruitment and RO-ARO Exam: सिपाही भर्ती और उप्र लोक सेवा आयोग की आरओ/एआरओ परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्य रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने कई राज उगले हैं. आरोपियों ने कुबूल किया है कि उन्होंने पेपर लीक कराने के बदले अभ्यर्थियों से मिली रकम को अपने बैंक खातों में जमा कराया था. बाद में मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा के इशारे पर इसे गिरोह के बाकी सदस्यों के खातों में भेजा गया.

यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक

पिछले दिनों यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने की बात सामने आई थी. मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे. ‌पेपर रद्द करने के बाद योगी सरकार ने यूपी कांस्टेबल भर्ती का दोबारा से पेपर कराया था, जिसका जल्द रिजल्ट आने वाला है. इसके बाद शासन ने इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ से कराई थी. एसटीएफ ने कार्यवाही करते हुए पेपर लीक मामले से जुड़ी दर्जनों कार्रवाई करते हुए सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया था. ‌एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं अब उस मामले में ईडी ने दोनों आरोपियों की पीएनएलए एक्ट के तहत कस्टडी ली है.

प्रश्न पत्र लीक कराते ही खाते में आई रकम

ईडी की जांच में पता चला है कि आरोपी रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने अपने सहयोगियों की मदद से यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 और आरओ/एआरओ परीक्षा-2023 के प्रश्न पत्र लीक किए थे. उन्होंने निर्धारित तारीख से पहले ही परीक्षा के इच्छुक उम्मीदवारों को लीक हुए प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए. इसके बाद उनके खातों में नकदी जमा होने लगी.आरोपियों ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया कि बिहार के डॉ. शुभम मंडल 5 लाख रुपये मिलने पर ही सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर का बॉक्स अहमदाबाद आकर खोलने के लिए तैयार हुआ था. दो बार अहमदाबाद से आने-जाने का हवाई जहाज का टिकट भी उन्होंने ऑनलाइन कराया था. ऐसे ही टीसीआई कंपनी के कर्मचारियों ने भी उनसे बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कराई थी. वहीं,आरओ/एआरओ परीक्षा का पेपर आउट कराने के लिए प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले इंजीनियर ने लाखों रुपये लिए थे.

भूमिका की जांच जारी

ईडी के अधिकारी गुजरात की एजुटेक और टीसीआई कंपनी की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं. हालांकि, अब तक उनका आरोपियों से कोई संपर्क होने के पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा है. रवि और सुभाष ने सिपाही भर्ती परीक्षा कराने वाली गुजरात की एजुटेक कंपनी और प्रश्नपत्रों का परिवहन करने वाली टीसीआई कंपनी के संचालकों की पेपर लीक में कोई भूमिका की जानकारी से इनकार किया है.

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