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यूपी के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को लेकर सरकार का बड़ा आदेश, जमीयत उलेमा ए हिंद में मची खलबली

UP Govt on Madrasa: उत्तर प्रदेश में चल रहे सभी गैर मान्यता प्राप्त 4204 मदरसों में पंजीकृत छात्रों और सभी गैर मुस्लिम छात्रों का दाखिला अब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में किया जाएगा. मुख्य सचिव ने यह आदेश सभी जिलों के डीएम को जारी किये हैं. वहीं जमीयत उलेमा- ए- हिंद ने इसे असंवैधानिक बताया है.  

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यूपी के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को लेकर सरकार का बड़ा आदेश, जमीयत उलेमा ए हिंद में मची खलबली
Pradeep Kumar Raghav |Updated: Jul 12, 2024, 10:37 PM IST
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UP Government News: प्रदेश भर में संचालित सभी गैर मान्यता प्राप्त 4204 मदरसों में पंजीकृत छात्रों का दाखिला अब बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में किया जाएगा. इसके साथ ही मदरसों में पढ़ने वाले सभी गैर मुस्लिम छात्रों का दाखिला भी अब बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय में ही कराया जाएगा. इसको लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य सचिव और अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखा है. इस पत्र के बाद मुख्य सचिव ने यूपी के सभी जिलों के डीएम को आदेश जारी कर दिए हैं कि वो अपने-अपने जिलों में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कर उनमें पढ़ने वाले छात्रों का दाखिला बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में कराएं.

जिला स्तर पर बनेंगी समिती
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्र और मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम छात्रों को सरकारी स्कूल में भेजने के लिए जिला स्तर पर डीएम के स्तर से समिति गठित होगी. इस समिति में एसडीएम, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा क्षेत्राधिकारी पुलिस समिति का सहयोग करेंगे. 

जमीयत ने की आदेश खारिज करने की मांग
जमीयत उलेमा-ए- हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मदरसों के बच्चों को बेसिक शिक्षा स्कूल में भेजने के आदेश पर एक पत्र मुख्य सचिव को लिखा है और कहा है कि इसे तत्काल रूप से खारिज किया जाए. मदनी ने कहा है कि सविंधान ने सभी को हक दिया है कि वो जहां चाहें पढ़ सकते हैं. बच्चों के माता-पिता जहां चाहें वहां अपने बच्चों को पढ़ा सकते हैं. बता दें कि दो वर्ष पहले 2022 में शासन स्तर से एक आदेश जारी हुआ था. इसमें यूपी के सभी जिलों में अवैध मदरसों का सर्वे करने के निर्देश दिए गए थे. इसमें 8000 के लगभग मदरसे अवैध पाए गए थे. 

बाल सरंक्षण आयोग ने क्या कहा
बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि हमने मुख्य सचिव को दो बिंदुओं पर पत्र लिखा है जिसमें यह मांग की गई है कि जो गैर मुस्लिम बच्चे अभी तक मदरसे में पढ़ते थे उनको वहां से निकाल कर बेसिक शिक्षा और जो बच्चे अभी तक मदरसों में पढ़ते थे जो मदरसे अवैध करार दिए गए हैं उनको भी बेसिक शिक्षा स्कूलों में पढ़ाया जाए.

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