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यूपी में वक्फ की कहां कितनी संपत्ति, सरकार ने जिलों से तलब की पूरी रिपोर्ट, हजारों करोड़ का अनुमान

Lucknow News: वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद यूपी सरकार ने वक्फ की संपत्तियों की जांच तेज कर दी है. सभी जिलों के जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर पूछा है कि कहां कितनी वक्फ की संपत्ति है उसका पूरा ब्यूरो तय प्रारूप में पेश किया जाए. अनुमान है कि यूपी में 1.32 लाख संपत्तियां वक्फ के नाम पर पंजीकृत हैं.

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यूपी में वक्फ की कहां कितनी संपत्ति, सरकार ने जिलों से तलब की पूरी रिपोर्ट, हजारों करोड़ का अनुमान
Pradeep Kumar Raghav |Updated: Apr 16, 2025, 07:12 PM IST
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों का सही आंकड़ा जुटाने के लिए राजस्व विभाग ने प्रयास तेज कर दिए हैं. वर्ष 2022 में सभी जिलों से वक्फ संपत्तियों की जांच कर एक निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन ज्यादातर जिलों से अधूरी और गड़बड़ रिपोर्ट ही मिली. केवल रायबरेली की डलमऊ तहसील ने तय प्रारूप में रिपोर्ट भेजी थी.   

अब राजस्व विभाग ने उसी रिपोर्ट को उदाहरण स्वरूप सभी जिलाधिकारियों को भेजकर निर्देश दिया है कि नए सिरे से वक्फ संपत्तियों की जांच कर सही और पूरी जानकारी दी जाए.

पुराने आदेश रद्द, नए निर्देश लागू
वर्ष 1989 में शासन ने जिलाधिकारियों को वक्फ बोर्ड की सिफारिश पर संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने बड़े पैमाने पर संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया, लेकिन जिलों में जांच नहीं की गई कि ये संपत्तियां किस श्रेणी की हैं. 

वर्ष 2022 में इस पुराने आदेश को रद्द कर शासन ने जिलाधिकारियों को वक्फ संपत्तियों की जांच के लिए निर्देश जारी किए. हालांकि, जिलों से मिली रिपोर्ट अधूरी और असंगत थी. 

प्रभावशाली लोगों का कब्जा
शासन को आशंका है कि कई वक्फ संपत्तियां प्रभावशाली लोगों के कब्जे में हैं और उनका व्यवसायिक उपयोग हो रहा है. सरकार की मंशा है कि वक्फ संपत्तियां सही तरीके से उनके हकदारों को मिलें.

कहां कितनी संपत्ति 
सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का अवैध दावा
पुराने रिकॉर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों के पास करीब 1.32 लाख संपत्तियां पंजीकृत पाई गईं. लेकिन जांच में यह आंकड़ा अलग निकला. वक्फ काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों बोर्डों के पास असल में 2.15 लाख संपत्तियां पंजीकृत हैं. 

राज्य सरकार की जांच में सामने आया कि 57,792 संपत्तियां (करीब 11,712 एकड़ जमीन) सरकारी हैं, जिन पर वक्फ बोर्डों ने अवैध रूप से अपना दावा कर लिया.  रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में कई सरकारी संपत्तियां शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों के रिकॉर्ड में दर्ज हैं, लेकिन तहसील के रिकॉर्ड में उनका नामांतरण नहीं हुआ. 

जिला                    वक्फ पंजीकृत संपत्तियां    सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा
शाहजहांपुर              2589                                      2371 
रामपुर                    3365                                      2363 
अयोध्या                   3652                                     2116
जौनपुर                   4167                                      2096
बरेली                     3499                                       2000
वाराणसी                1637                                         406
कानपुर                  1670                                        548 
आजमगढ़               2904                                      1575

इसके अलावा, मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, आगरा, फतेहपुर, सीतापुर, खीरी और प्रतापगढ़ में भी वक्फ बोर्डों द्वारा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले प्रकाश में आए हैं. 

20 हजार से ज्यादा संपत्तियों के मामले कोर्ट में लंबित 
वक्फ अधिनियम की धारा 30 का गलत उपयोग कर हिंदू और मुस्लिम संपत्तियों का गलत तरीके से वक्फ बोर्ड में पंजीकरण किया गया है. वर्तमान में 20 हजार से अधिक मामले वक्फ ट्रिब्यूनल और अदालतों में अटके पड़े हैं.

फिलहाल, सभी जिलाधिकारियों को दोबारा निर्देश दिया गया है कि वे तय प्रारूप में ही रिपोर्ट तैयार करें और जल्द से जल्द शासन को भेजें. जाहिर है सही रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद वक्फ के नाम पर इस्तेमाल हो रही अवैध संपत्तियां मुक्त कराई जाएंगी और उनका सही इस्तेमाल किया जाएगा. 

Disclaimer: लेख में दिये गए आंकड़े सामान्य स्रोतों से इकट्ठा किये गए हैं. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.

 

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