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UPPCL News: बिजली विभाग में निजीकरण के बाद कौन संभालेंगे नई कंपनियों की कमान, हो गया फैसला

UPPCL Updates: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की तरफ से राज्य के विद्युत वितरण निगम को विभाजित करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही राज्य के मुख्य सचिव की जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी. पढ़िए पूरी खबर ... 

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Zee Media Bureau|Updated: Dec 01, 2024, 09:32 AM IST
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New Power Companies In UP: उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों में सुधार प्रक्रिया के तहत पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को विभाजित करके पांच नई कंपनियां बनाई जाएंगी. जिनका चेयरमैन राज्य के सर्वोच्च अधिकारी, मुख्य सचिव होंगे. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन का मानना है कि इस निर्णय से बिजली कंपनियों के कर्मचारियों, उपभोक्ताओं और किसानों के हित सुरक्षित रहेंगे.

शासन का नियंत्रण
नई कंपनियां शासन के वरिष्ठतम अधिकारी, मुख्य सचिव के अलावा, विद्युत नियामक के कड़े नियंत्रण में कार्य करेंगी. शनिवार को पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि रिफार्म प्रक्रिया में निजी कंपनियों के लिए बिडिंग प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी, प्रतिस्पर्धात्मक और खुली होगी. कंपनियों को "क्लीन स्लेट बैलेंस सीट" दी जाएगी. जैसा कि भारत सरकार की गाइडलाइनों में निर्धारित है. निजी कंपनियों को जमीन का स्वामित्व नहीं मिलेगा. बल्कि इसका स्वामित्व पावर कारपोरेशन और राज्य सरकार के पास रहेगा. 

विद्युत वितरण कार्य करने की अनुमति
इन कंपनियों को केवल विद्युत वितरण कार्य करने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा, निजी कंपनियां डिस्काम की संपत्तियों का उपयोग अन्य व्यावसायिक या वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए जैसे शॉपिंग मॉल, दुकानों या कॉम्प्लेक्स में नहीं कर सकेंगी. इस बारे में फैल रही शंकाएं पूरी तरह से निराधार हैं. शनिवार को चेयरमैन ने सभी बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक की, जिसमें प्रबंध निदेशकों ने रिफार्म प्रक्रिया के लिए समर्थन व्यक्त किया. हालांकि कुछ कर्मचारियों ने सेवा शर्तें, प्रोन्नति और छंटनी को लेकर चिंता जताई.

हड़ताल होने की आशंका
बिजली प्रबंधन को यह अंदेशा है कि निजीकरण के दौरान बिजली कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की जा सकती है. इस स्थिति से निपटने के लिए, प्रबंधन दूसरे विभागों के विद्युत विंग में कार्यरत इंजीनियरों और कर्मचारियों की व्यवस्था करने की तैयारी कर रहा है. ताकि हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न आए. इसी सिलसिले में, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि रिफार्म प्रक्रिया के खिलाफ कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, और ऐसे में दूसरे विभागों के विद्युत अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएंगी ताकि विद्युत आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो.

एकमुश्त समाधान योजना
इसके अलावा, एकमुश्त समाधान योजना तीन चरणों में लागू की जाएगी. यह योजना 15 दिसंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगी. पहले चरण में 15 दिसंबर से 31 दिसंबर तक, दूसरे चरण में 01 जनवरी से 15 जनवरी तक और तीसरे चरण में 16 जनवरी से 31 जनवरी तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे. इस योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, और पंजीकरण के समय 30 सितंबर 2024 तक के बकाया विद्युत बिल का 30 प्रतिशत जमा करना होगा. इस दौरान, 30 सितंबर 2024 तक के बकाए पर सरचार्ज में छूट मिलेगी. उपभोक्ता एकमुश्त भुगतान के साथ-साथ किश्तों में भी भुगतान कर सकेंगे.

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