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लाखों बिजली उपभोक्‍ताओं की जेब पर 'करंट'! यूपी में महंगी होगी बिजली, जानिए अब कितना भरना होगा बिल

UP Bijli News: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ने वाली है. यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बिजली दरों में  बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष पेश किया है. आइए जानते हैं कितने प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया है.   

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फाइल फोटो
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 16, 2025, 03:10 PM IST
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UP Latest News: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है. उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली दरों में 40 से 45 फीसदी तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) के पास भेजा है. अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं को बिजली के बिल के रूप में बड़ा झटका लग सकता है.

इतिहास की सबसे बड़ी बढ़ोतरी का प्रस्ताव
UPPCL ने अपने संशोधित  प्रस्ताव में ग्रामीण क्षेत्रों में 45% और शहरी क्षेत्रों में 40% तक बिजली दरें बढ़ाने की सिफारिश की है. इसके साथ ही नए बिजली कनेक्शन की दरों में 25 से 30% और ग्रामीण इलाकों में 44% तक की वृद्धि प्रस्तावित है. औद्योगिक कनेक्शन की दरों में 50 से 100% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी इसमें शामिल है.

7 जुलाई से शुरू होगी सुनवाई
UPERC ने इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए 7 जुलाई से जनसुनवाई की तारीख तय की है, जिसमें पावर कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों की बात सुनी जाएगी. पावर कॉर्पोरेशन का दावा है कि यह प्रस्ताव उनके बुनियादी ढांचे और वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक है.

उपभोक्ता परिषद का विरोध तेज
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक और जनविरोधी’ बताया है. परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि यह प्रस्ताव नियामक आयोग और पावर कॉर्पोरेशन की मिलीभगत से पेश किया गया है. उनका कहना है कि ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता पहले से महंगाई की मार झेल रहे हैं, ऐसे में इतनी बड़ी बढ़ोतरी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जा सकती.

स्मार्ट मीटर और कनेक्शन भी महंगे
सिर्फ यूनिट दरें ही नहीं, बल्कि स्मार्ट मीटर और नए कनेक्शन भी अब महंगे होने वाले हैं. स्मार्ट मीटर की कीमतों में इजाफा और औद्योगिक कनेक्शन की लागत में भारी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है. यदि यह प्रस्ताव लागू होता है तो ग्रामीण उपभोक्ताओं को, जो पहले ही बिजली कटौती और खराब आपूर्ति से परेशान हैं, बिजली बिलों के रूप में नया आर्थिक संकट झेलना पड़ेगा.

सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में
हाल ही में ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से बिजली दर बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. लेकिन पावर कॉर्पोरेशन का यह प्रस्ताव सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है. अब सबकी निगाहें नियामक आयोग के फैसले और सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं.

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