Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता संभालने के बाद गोवंश संरक्षण को प्राथमिकता दी है. स्वयं गोपालक योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से प्रदेश में गोवंश संरक्षण को नई दिशा मिली है. अब तक 7713 गोआश्रय स्थलों की स्थापना कर 16,09,557 बेसहारा गोवंश को संरक्षित किया गया है. मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 2,37,369 गोवंश पशुपालकों और किसानों को सौंपे गए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है.
पशुओं के स्वास्थ्य के लिए व्यापक अभियान
योगी सरकार ने गोवंश के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 14 करोड़ 50 लाख पशुओं का टीकाकरण कराया. इनमें लम्पी रोग से बचाव के लिए 1 करोड़ 92 लाख पशुओं को वैक्सीन दी गई. पशु चिकित्सा सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1962 की सुविधा उपलब्ध कराई गई, जो पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है.
पशुपालकों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं
गोवंश संरक्षण में समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना, स्वदेशी गौवंश संवर्धन योजना, और नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत डेयरी स्थापना पर 50% तक अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही, डीबीटी के माध्यम से गोआश्रय स्थलों को प्रति गोवंश 50 रुपये प्रतिदिन की दर से धनराशि हस्तांतरित की जा रही है.
योगी सरकार के यह प्रयास न केवल गोवंश संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है.
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