Mudiya Mela 2025: गोवर्धन में आषाढ़ मास की पूर्णिमासी को मुड़िया पूर्णिमा मेला का आयोजन किया जाता है. यह मेला एक अहम धार्मिक आयोजन है. जिसका मुख्य आकर्षण मुड़िया शोभायात्रा है. यह शोभायात्रा श्रीपाद सनातन गोस्वामी की स्मृति में निकाली जाती है. यह परंपरा 469 साल पहले शुरू हुई थी. इस मेले का नाम सिर मुंडाने से जुड़ा है.
क्यों मनाई जाती है ये?
जब पूज्य पाद सनातन गोस्वामी जी के देह त्यागा था, तब उनके शिष्यों और ब्रजवासियों ने अपना सिर मुंडवाया था. गोस्वामी जी की याद में गिरिराज जी की परिक्रमा करते हुए हरिनाम कीर्तन के साथ शोभायात्रा निकाली थी. इसी परंपरा का पालन आज भी गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के साधु-संत करते हैं.
सालों पुरानी है ये अनूठी परंपरा
10 जुलाई को इस साल गोवर्धन में सुबह और शाम दो मुड़िया शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी. इन यात्राओं में शामिल होने के लिए साधु-संतों ने अपने सिर का मुंडन कराया, जैसा कि महाप्रभु मंदिर में देखा गया है. जिसका निर्देश मुड़िया संत गोपाल दास महाराज ने दिए हैं. शाम 5 बजे श्रीपाद सनातन गोस्वामी के डोले के साथ मुड़िया शोभायात्रा झांझ, मजीरे, ढप-ढोलक की धुन पर हरिनाम कीर्तन व सनातन गोस्वामी जी की महिमा का गान करते हुए निकाली जाएगी.
कब निकलती है ये शोभायात्रा?
यह शोभायात्रा चकलेश्वर महाप्रभु मंदिर से सनातन गोस्वामी जी की भजन स्थली, मानसी गंगा, दसविसा, हरिदेव जी मंदिर, सौंख अड्डा, दानघाटी मंदिर, मोदी खाना बड़ा बाजार होकर निकाली जाएगी. जबकि, सुबह की शोभायात्रा 10 जुलाई को सुबह 9 बजे श्रीराधा-श्याम सुंदर मंदिर से महंत राम कृष्ण दास महाराज के निर्देश में एक और शोभा यात्रा निकलने वाली है.