Mathura Hindi News/कन्हैया लाल शर्मा: श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर मुक्ति की लड़ाई लड़ रहे पंडित दिनेश फलाहारी महाराज एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखा है. इसमें बांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामियों के अधिकारों की रक्षा की मांग उठाई. आपको बता दें कि यह पत्र मुख्यमंत्री के एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए अपनी मांगों को सार्वजनिक किया.
ये रही उनकी मांगें
पंडित दिनेश फलाहारी ने पत्र में स्पष्ट किया है कि वृंदावन में प्रस्तावित मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान जिन ब्रजवासियों की दुकानें और मकान तोड़े जा रहे हैं, उन्हें उसी परिसर में पुनः दुकानें और आवास उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही उन्हें उचित और भरपूर मुआवजा भी दिया जाए.
सरकार से किया ये अपील
उन्होंने यह भी मांग की है कि बांके बिहारी मंदिर के खाते में जमा धनराशि केवल सेवायतों की सहमति से ही खर्च की जाए. इस दौरान सरकार से अपील की है कि मंदिर के पारंपरिक सेवायतों के अधिकारों का हनन न किया जाए.
पंडित दिनेश फलाहारी वही संत हैं जिन्होंने तीन वर्ष पूर्व यह संकल्प लिया था कि जब तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को मुक्त नहीं कराया जाएगा, तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे और नंगे पैर रहेंगे. इस दौरान कहा कि जब सरकार ने किसी मस्जिद या मदरसे का अधिग्रहण नहीं किया है, तो फिर हिंदू मंदिरों का अधिग्रहण क्यों किया जा रहा है?
भूख हड़ताल करेंगे
पत्र में उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे सेवायतों के साथ मिलकर भूख हड़ताल करेंगे. इस मामले में ब्रजवासियों के साथ-साथ धार्मिक संगठनों की भी नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं. मंदिर कॉरिडोर से जुड़े फैसलों पर अब तीखी बहस और संभावित आंदोलन के संकेत मिल रहे हैं.
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