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Premanand ji Maharaj: अब भक्तों को नहीं होंगे प्रेमानंद महाराज के दर्शन, जानिए क्यों लिया ये बड़ा फैसला?

Premanand ji Maharaj: होली से पहले वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने बड़ा ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज के आश्रम की ओर से एक ऐसी अपील की गई है, जिसे पढ़कर भक्त मायूस हो गए हैं. पढ़िए पूरी डिटेल

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Premanand ji Maharaj
Premanand ji Maharaj
Pooja Singh|Updated: Mar 09, 2025, 12:55 PM IST
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Premanand ji Maharaj: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने होली से पहले एक ऐसा ऐलान कर दिया है, जिसके बाद उनके भक्त मायूस हो गए हैं. दरअसल, आश्रम श्री हित राधा केलि कुंज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब चार दिनों तक पदयात्रा नहीं निकाली जाएगी. आपको बता दें, संत प्रेमानंद महाराज दुनियाभर में कई भक्त हैं. हर दिन आश्रम श्री हित राधा केलि कुंज में उनके चाहने वालों का तांता लगा रहता है. वह रात 2 बजे भी पदयात्रा निकालते हैं, उस वक्त भी उनके दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लग जाती है.

प्रेमानंद महाराज के भक्त हुए मायूस 
जानकारी के मुताबिक, अब होली तक उनके भक्त दर्शन नहीं कर पाएंगे. संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी गई है. यह फैसला महाराज ने होली और उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया है. ऐसे में भक्त प्रेमानंद महाराज के दर्शन अब होली तक नहीं कर पाएंगे. प्रेमानंद महाराज 10 से 14 मार्च तक पदयात्रा नहीं निकालेंगे. 

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दर्शन को लेकर भक्तों से अपील
जो सूचना जारी की गई है, उसमें लिखा गया है कि आप सभी प्रियजनों को सूचित किया जाता है कि होली के पावन पर्व के चलते और पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए दिनांक 10 मार्च से 14 मार्च 2025, रात 2 बजे से पूज्य महाराज जी की पदयात्रा नहीं निकलेगी. आप सभी प्रियजनों से प्रार्थना है कि अगर आप दर्शन के लिए आ रहे हैं तो इन दिनों में दर्शन के लिए ना आएं.

क्यों लिया गया है ये फैसला?
वृंदावन में होली का उत्सव बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. यहां दुनियाभर से होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में लोग आते हैं. 10 मार्च को वृंदावन में रंग भरनी एकादशी है और ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए ब्रज में होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन आते हैं. जिसकी वजह से ज्यादा भीड़ हो जाती है, जिसकी वजह से समस्या हो सकती है. इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य पर किसी तरह का असर न पड़े. इसी के चलते यह बड़ा फैसला लिया गया है.

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