Premanand Maharaj Padyarta start: वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज पांच दिन के अंतराल के बाद पुनः पदयात्रा पर निकले. जैसे ही रविवार की सुबह करीब सवा चार बजे संत प्रेमानंद महाराज ने श्रीकृष्ण शरणम् (छटीकरा मार्ग) स्थित अपने निवास से पदयात्रा आरंभ की, भक्तों की श्रद्धा और उल्लास का सागर उमड़ पड़ा.
रात्रि से ही बड़ी संख्या में भक्तजन मार्ग के दोनों ओर कतारबद्ध होकर संत के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे थे. जैसे ही संत प्रकट हुए, "राधे-राधे" के जयकारों से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा. प्रेमानंद महाराज ने भी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए पदयात्रा शुरू की और परिक्रमा मार्ग पर स्थित श्री राधा केलिकुंज आश्रम पहुंचे.
स्वास्थ्य खराब होने के कारण बीते कुछ दिनों से उनकी पदयात्रा स्थगित थी. कई बार भक्त घंटों इंतजार के बाद जब आश्रम की ओर से पदयात्रा स्थगित होने की सूचना पाते, तो निराश होकर लौटते थे. लेकिन रविवार की सुबह जैसे ही पदयात्रा का शुभ समाचार मिला, भक्तों का उत्साह दोगुना हो गया.
करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर पदयात्रा के दौरान भक्तों ने पुष्पवर्षा कर, दीप जलाकर और राधे-नाम का संकीर्तन करते हुए संत का स्वागत किया.संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन रात्रिकालीन पदयात्रा करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए इस बार प्रातः काल पदयात्रा की गई.
आश्रम पहुंचकर संत ने नियमित दिनचर्या आरंभ की और भक्तों को स्नेह और आशीर्वाद प्रदान किया.यह दृश्य भावविभोर कर देने वाला था, जब संत और भक्त एक ही लय में राधे-नाम का स्मरण कर रहे थे.
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