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'इलाज मिलता तो बच जाती' बिजनौर मेडिकल कॉलेज में महिला मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा, लगाए गंभीर आरोप

Bijnor news:  बिजनौर जिले के मेडिकल कॉलेज में महिला मरीज की इलाज के दौरान हुई मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी में भर्ती मरीज को इलाज नहीं मिल पाया, जिससे जिससे उसकी मौत हो गई. 

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Bijnor news (सांकेतिक तस्वीर)
Bijnor news (सांकेतिक तस्वीर)
Zee Media Bureau|Updated: Jul 02, 2025, 12:10 PM IST
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राजवीर चौधरी/बिजनौर: बिजनौर जिले के मेडिकल कॉलेज में महिला मरीज की इलाज के दौरान हुई मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी में भर्ती मरीज को इलाज नहीं मिल पाया, जिससे जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. पहले भी मेडिकल कॉलेज में इलाज को लेकर लापरहवाही के मामले सामने आए हैं.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, जिले के झालू इलाके की रहने वाली 22 साल की काजल को सांस की बीमारी को लेकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. परिजनों के मुताबिक मरीज को एमरजेंसी मे भर्ती तो कर लिया था लेकिन एमरजेंसी मे तैनात डॉक्टर रामकुमार ड्यूटी मे मौजूद नहीं थे. डॉक्टर रामकुमार उसी समय पीएम हाउस मे एक बच्चे का पोस्टमार्टम करने की भी ड्यूटी लगाई गयी थी.

परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
परिजनों का कहना है कि डॉक्टर पोस्टमार्टम करने चले गए और इमरजेंसी मे भर्ती महिला मरीज काजल को उचित इलाज न मिलने से मौत हो गयी. वहीं गुस्साए मृतक मरीज के परिजनों ने अस्पताल मे जमकर हंगामा किया. परिजनों ने समय पर इलाज न देने का डॉक्टरो पर गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता तो काजल की जान बच सकती थी.

पहले भी आ चुका है लापरवाही का मामला
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज मे डायलेसिस करने के दौरान 26 साल के लड़के सरफराज की मौत की खबर ने बवाल मचा दिया था. जिसमें डीएम ने मामले की जाँच CDO पूर्ण बोहरा से कराई थी. जिसमें प्राचार्य सहित 4 डॉक्टर दोषी पाए गए थे, लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की गयी.

डीएन ने दोषी डॉक्टरों पर एक्शन के लिए शासन को लिखा पत्र
डीएम जसजीत कौर ने जिम्मेदारो और दोषियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई के लिए पत्र भी लिख दिया लेकिन मेडिकल कालेज की प्राचार्य डॉक्टर और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही अभी तक शासन ने नहीं की है.

 

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