Muzaffarnagar loksabha seat: उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान ने गुरुवार टिकैत बंधुओं के गढ़ सिसौली गांव में पहुंचकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का आशीर्वाद लेकर अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की. इस दौरान नरेश टिकैत ने भी संजीव बालियान को मिठाई खिलाकर जहां उनका स्वागत किया. वही दूसरी ओर मीडिया से बात करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि यह चुनावी मामला है इसमें तो लोग सभी हथकंडे अपनाते हैं.
दरअसल आपको बता दें की 2024 लोकसभा चुनाव के लिए एक बार फिर भाजपा ने मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से डॉक्टर संजीव बालियान को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. जिसके चलते हैट्रिक लगाने की चाह को लेकर संजीव बालियान ने आज भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए जहां भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर संजीव बालियान ने कहा कि नरेश टिकैत किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ वह हमारे खाप चौधरी भी हैं.
साथ साथ हमारी बालियान खाप के मुखिया हैं एवं मैं उसका सदस्य हूं तो परंपरा है कि जब भी कोई काम की शुरुआत करू तो बड़ो के आशीर्वाद से करू. इसलिए जब भाजापा ने मुझे प्रत्याशी घोषित किया है तो मेरे परिवार के सबसे बड़े चौधरी नरेश टिकैत है तो मै अपने परिवार में सबसे बड़े होने के नाते उनका आशीर्वाद लेने आया हूं.
वह मेरे बड़े एवं परिवार के हैं आशीर्वाद देंगे एवं उनका पूरा अधिकार मेरे ऊपर है. और मेरा भी पूरा अधिकार है, 2014 जैसा चुनाव मुझे दिखाई देता है. उसी तरफ चुनाव जा रहा है. और मुजफ्फरनगर ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में 2014 जैसा चुनाव होगा, अब आपको लगता हो तो मैं क्या कहूं उनकी बातों पर हंसी आ सकती है जो इस समय वर्तमान परिस्थितियां है व मोदी जी को देश में सब लोग तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मन बना चुके हैं. संजीव बालियान ने कहा हवा की आंधी चल रही है, देखिए क्या है कि उनका तो हमारे विपक्ष में है तो वह कैसे स्वीकार करें कि यहां आंधी है और जब पेड़ उखड़ जाएंगे तो स्वीकार कर लेंगे, इस बात से और मजबूती मिलेगी.
तो वही नरेश टिकैत की माने तो एक बात तो बताइए यह तो चुनावी मामला है इसमें तो आदमी सब हथकंडे अपनाता है एवं संजीव बालियान यहीं इसी परिवार से है तो आने से किसी के फरहेज तो नहीं है वही ना किसी पर प्रतिबंध है एवं ना यहां कोई चुनावी सभा है तो सभी आ सकते हैं. और किसी को इस बात से थोड़ा ही देखा जाता है क्योंकि परसों-तरसों हरेंद्र मलिक भी आ रहा था जो सपा से प्रत्याशी है, तो इसको ऐसे जोड़कर नहीं चलना चाहिए और आदमी अपनी मर्जी से कहीं भी मतदान कर सकता है तो इसे इस तरह से ना जोड़कर चलो की कोई और बात है, इस बार लोगों में चुनाव के प्रति कोई खास उत्साह नहीं है.
मैंने अकेले ने थोड़े ही कहा है एवं जो उनके परिवार के साथ में बड़ोत साइड के भी हैं मुरादाबाद के भी हैं एवं मथुरा के भी हैं एवं किसी से सलाह ले लेते तो और अच्छा लगता है और लोगों को यह महसूस हो रहा है कि सलाह नहीं ली तो ठीक नहीं किया, अरे नहीं वह तो बहुत बड़ी पार्टी है एवं आदमी बड़े का सहारा लेकर तो सोचता ही है, कि इनका सहारा ले लो कुछ ना कुछ हो जाओगे तो कुछ ना कुछ फायदा तो हो ही जाएगा खैर ऐसी तो बात नहीं है. एक बात तो बताएं मंत्री जी का परिवार है यह तो उसको चुनाव से जोड़कर थोड़ा ही चला जाएगा एवं वह कभी भी आ सकते हैं और पहले से आते रहे हैं वही 10 साल से वह सरकार में है आते रहते हैं और ऐसे थोड़ा ही इसे चुनाव से जोड़कर चला जाता है.
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