Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में 300 से अधिक मुस्लिम लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है. इसमें दो-दो लाख रुपये का मुचलका भरने को कहा गया है. आरोप है कि इन लोगों ने रमजान के दौरान अलविदा जुमे और ईद की नमाज के बाद वक्फ संशोधन बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी थी. पुलिस ने इन्हें शांतिभंग करने और लोगों को उकसाने का आरोपी माना है. भविष्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने इन लोगों को 2 लाख के मुचलके का नोटिस भेजा है. अब इन लोगों को 16 अप्रैल को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना होगा.
नोटिस को लेकर मौलानाओं में नाराजगी
इस पूरे मामले में मौलाना शिवली ने कहा कि बमुश्किल उनके घर से 4 कदम दूर मस्जिद है. किसी तरीके का प्रदर्शन नहीं किया गया था, सिर्फ सांकेतिक तौर पर काली पट्टी बांधी थी. उसके बावजूद नोटिस भेज दिया गया है. हालांकि डरने की बात नहीं है क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया, हम कोर्ट में पेश होंगे. वहीं, जमीयत उलेमा हिंद के जिलाध्यक्ष मौलाना मुकर्रम ने कहा कि सिर्फ मुस्लमान होने के चलते उन्हें नोटिस दिया गया है.
'हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा है'
उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा है, हम जिम्मेदार लोग हैं और मुस्लिम तंजीमों के रहनुमा हैं. मुसलमानों के मुद्दे उठाना हमारा काम है, शायद इसलिए हमें नोटिस दिया गया, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं, हम पहले भी मुद्दे उठाते थे और आगे भी उठाते रहेंगे. उन्होंन प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ इसलिए हो रही है क्योंकि वे मुसलमान हैं.
दंगा भड़काने और उकसाने का आरोप
उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि मुस्लमान घर से बाहर निकलना बंद कर दे, हम पर दबाव बनाने के लिए नोटिस भेजे गए हैं. हम कानूनी सलाह ले रहे हैं. वहीं, पुलिस का कहना है कि जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया और सर्विलांस की मदद से प्रदर्शन में शामिल लोगों को चिह्नित किया गया है. पुलिस के मुताबिक, अब तक 300 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं. प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई दंगा भड़काने और लोगों को उकसाने की आशंका को देखते हुए की गई है.
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