मुज़फ्फरनगर/अंकित मित्तल: मुज़फ्फरनगर श्रावण मास की पवित्र कांवड़ यात्रा में जहां लाखों श्रद्धालु पैदल गंगा जल लेने हरिद्वार जाते हैं, वहीx इन करोडो कांवड़ियों की भीड़ मेँ एक ऐसी कलयुग की सावित्री भी है जो अपने पति के बीमार होने के कारण अपने पति को अपनी पीठ पर बैठाकर हरिद्वार से मोदीनगर तक की कांवड़ यात्रा करा रही है. यह दृश्य देखकर हर कोई भावुक हो रहा है. 170 किलोमीटर की यात्रा कर रहे ये पति पत्नी फिलहाल मुफलिसी का जीवन जीने पर मजबूर है. अपने पति के ठीक होने की मन्नत मांग ये आशा भोली बम बम के जयकारे बोलते हुए अपने गंतव्य की और बढ़ रही है.
कभी अपने पैरों से चलते थे आज पत्नी बनी सहारा
आशा के पति सचिन बताते हैं कि उन्होंने अब तक 13 बार खुद चलकर कांवड़ यात्रा की है, लेकिन इस बार उनका शरीर उनका साथ नहीं दे रहा. उन्होंने कहा, "कभी अपने पैरों से इस रास्ते पर चला करता था, आज पत्नी के कंधों पर यात्रा कर रहा हूं।" हरिद्वार की हर की पैड़ी पर आशा ने उन्हें स्नान कराया और दक्ष मंदिर में दर्शन कराए.
पीठ पर बैठाकर पति को कांवड़ यात्रा करवा रही आशा कहती हैं, "मेरी एक ही मनोकामना है कि भोलेनाथ मेरे पति को पहले जैसा स्वस्थ कर दें" उनका यह समर्पण और आस्था लोगों को न सिर्फ चौंका रही है बल्कि भावुक भी कर रही है.खुद आशा कहती हैं, “पति की सेवा में ही मेवा है, बाकी सब व्यर्थ है।
कावड़ यात्रा में इस दंपति के साथ उनके दो छोटे बच्चे भी शामिल
इस कावड़ यात्रा में इस दंपति के साथ उनके दो छोटे बच्चे भी शामिल है जो माता पिता की इस यात्रा के साक्षी है. यह परिवार अब हरिद्वार से मोदीनगर की ओर बढ़ रहा है. शुक्रवार को देर शाम मुज़फ्फरनगर के शिवचौक पर जब आशा अपने पति को कंधे पर लेकर पहुंची, तो देखने वालों की भीड़ लग गई. लोगो ने इस दंपति की हौसला अफ़जाई भी की है.