Mirzapur/ Rajesh Mishra: पुलिस ने अष्टधातु से बनी करोड़ों की बेशकीमती राम, जानकी और लक्ष्मण की मूर्तियों को बरामद कर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. यह मूर्तियां 14 जनवरी की रात मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र के कठिनई गांव स्थित राम जानकी मंदिर से चोरी हुई थीं.
मठ के रखवाले चेले ही निकले चोर
चौंकाने वाली बात यह है कि चोरी की साजिश खुद मठ की देखभाल करने वाले शिष्य बंशीदास ने रची थी. बंशीदास ने अपने साथियों लवकुश पाल, मुकेश सोनी और राय बहादुर पाल के साथ मिलकर मूर्तियां चुराईं. चोरी के बाद इन्हें हाईमाई पहाड़ी के पीछे छिपा दिया गया था.
पुलिस की गिरफ्त में ऐसे आए चोर
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बोलेरो गाड़ी को रोका, जिसमें तीनों मूर्तियां बरामद हुईं. इसके साथ ही गाड़ी और अन्य साजो-सामान भी जब्त किया गया. पुलिस ने बताया कि बंशीदास को उम्मीद थी कि गुरु जयरामदास के बाद मठ की गद्दी उसे मिलेगी, लेकिन जब उसे पता चला कि गुरु गद्दी अपने भतीजे को सौंपना चाहते हैं, तो उसने इस साजिश को अंजाम दिया.
राय बहादुर पाल, जो समाजवादी पार्टी युवजन सभा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं, भी इस मामले में शामिल पाया गया. पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि बंशीदास को महाकुंभ मेले में शिष्य होने के चलते गनर मिला था, लेकिन चोरी वाले दिन उसने गनर को हटा दिया था.
बरामद मूर्तियों की कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये आंकी गई है. पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है. राम जानकी मंदिर में करोड़ों की चोरी पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. पुलिस ने अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजकर आगे की जांच शुरू कर दी है.
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