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साथ बिताया बचपन, साथ ही बनीं IAS, टीचर पिता की दो बेटियों ने UPSC में रचा इतिहास, पढ़िये पूरी सक्सेस स्टोरी

UPSC Success Story: आज हम आपको दो ऐसी बहनों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपना बचपन एक साथ बिताया, बल्कि एक साथ ही UPSC की परीक्षा भी पास कर इतिहास रच दिया. आइए जानते हैं कि शिक्षक पिता की इन दो बेटियों ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की.  

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फाइल फोटो
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 18, 2025, 08:52 PM IST
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UPSC Success Story in Hindi: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. कड़ी टक्कर होने के बावजूद भी लाखों उम्मीदावार हर साल इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं जिसमें से कुछ ही लोग सफलता हासिल कर पाते हैं. आज हम उस अफसर की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने यूपीएससी  2024 के परिणामों में इस बार एक शिक्षक पिता की दो बेटियों ने इतिहास रच दिया है. 

कहां की रहने वाली हैं?
मूलरूप से  उन्नाव जिले  अजयपुर गांव की रहने वाली सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा ने एक साथ IAS बनकर परिवार, गांव और जिले का नाम रोशन किया है. बड़ी बहन सौम्या मिश्रा ने जहां अपने चौथे प्रयास में ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है, वहीं छोटी बहन सुमेघा मिश्रा ने दूसरे प्रयास में 253वीं रैंक पाई है.
दोनों बहनों के पिता राघवेंद्र कुमार मिश्रा दिल्ली सरकार में शिक्षक (प्रवक्ता) हैं और मां रेनू मिश्रा एक गृहिणी हैं. परिवार पिछले 27 वर्षो से दिल्ली में निवास कर रहा है, हालांकि मूल संबंध आज भी उन्नाव के अजयपुर गांव से बना हुआ है.

SDM रहते हुए की तैयारी, बनीं टॉप 20 में शामिल
सौम्या मिश्रा वर्तमान में मिर्जापुर जिले में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने 2021 में पीसीएस परीक्षा में अपने दूसरे प्रयास में टॉप टेन में दूसरा स्थान हासिल किया था. नौकरी के साथ-साथ उन्होंने IAS की तैयारी जारी रखी और चौथे प्रयास में देशभर में 18वीं रैंक हासिल की.

छोटी बहन ने भी रच दी सफलता की कहानी
सौम्या से तीन साल छोटी सुमेघा मिश्रा ने भी IAS परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने दूसरे प्रयास में 253वीं रैंक पाई है. सौम्या और सुमेघा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है. उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी और हर कदम पर प्रोत्साहित किया. बेटियों ने बताया कि गांव से निकलकर दिल्ली की ज़िंदगी में ढलना आसान नहीं था, लेकिन संघर्ष और लगन ने उन्हें मंज़िल तक पहुंचा दिया.

यह कहानी देशभर के लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है कि मेहनत, धैर्य और परिवार के सहयोग से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है.

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