trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02703939
Home >>मुरादाबाद

मो. शमी की शबीना को बनाया था मजदूर, क्रिकेटर की सास गुले आयशा से वसूले जाएंगे 8.68 लाख, 8 कर्मचारियों पर FIR

Amroha MGNREGA Fraud​: यूपी के अमरोहा में मनरेगा फर्जीवाड़े में अखिरकार जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है. क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन की सास व मौजूदा ग्राम प्रधान गुले आयशा को जरूर अपनी प्रधानी गंवानी पड़ेगी.  इनसे रिकवरी भी होगी.

Advertisement
Amroha MGNREGA Fraud
Amroha MGNREGA Fraud
Preeti Chauhan|Updated: Apr 03, 2025, 09:42 AM IST
Share

MGNREGA Fraud: क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना, बहनोई गजनबी और कुछ अन्य परिजनों को मनरेगा मजदूर दर्शाकर बड़ा भुगतान लेने के मामले में शबीना की सास गुले आयशा से 8.68 लाख रुपये की वसूली की जाएगी. इसके अलावा डीएम ने तत्कालीन तीन पंचायत सचिव उमा, अंजुम व पृथ्वी और एपीओ ब्रजभान सिंह समेत आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.  इसके साथ ही तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है. वहीं, एक पंचायत सचिव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है. डीएम ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए हैं.

मनरेगा फर्जीवाड़ा 
क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना की सास ही मनरेगा फर्जीवाड़े से जुड़े गांव पलौला की प्रधान हैं. उनके अधिकार भी सीज होंगे. मामले की जांच कमेटी ने बुधवार को रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है.  जांच में कमेटी ने तत्कालीन बीडीओ व चार सचिवों समेत कुल 11 लोगों को फर्जीवाड़े का दोषी माना है. 

आठ कर्मियों पर एफआईआर 
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने बीडीओ व एक सचिव पर विभागीय कार्रवाई तथा तीन सचिवों समेत आठ कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है. साथ ही प्रधान (शमी की बहन की सास) से मनरेगा मजदूरी के तहत निकाली गई 8.68 लाख रुपये की रिकवरी के लिए कहा है.  प्रधान के रूप में उनके अधिकार सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

दोषी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई-डीएम निधि गुप्ता वत्स 
डीएम निधि गुप्ता वत्स ने कहा कि दोषी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई भी होगी.  डीएम ने परियोजना निदेशक व डीसी मनरेगा अमरेंद्र प्रताप सिंह को इस मामले की जांच सौंपी थी. कमेटी पिछले एक सप्ताह से मनरेगा में फर्जीवाड़े के हर पहलु को ध्यान में रखकर जांच कर रही थी.  जांच में प्रधान के परिवार के आठ लोगों समेत कुल 18 लोगों द्वारा बिना मजदूरी किए 8.68 लाख रुपये की रकम निकालने की बात सामने आई है.  इसमें ब्लॉक के कर्मचारी भी दोषी पाए गए हैं.  जांच कमेटी ने एक तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल को भी दोषी माना है.  इसके अलावा पंचायत सचिव उमा, अंजुम व पृथ्वी, एपीओ ब्रजभान सिंह, तत्कालीन रोजगार सेवक झम्मन लाल, कंप्यूटर ऑपरेटर शराफत अली, तकनीकी सहायक अजय निमेष व लेखाकार विजेंद्र सिंह को दोषी पाया है. 

जिलाधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिल गई है. मामले में दोषी ग्राम प्रधान के अधिकार सीज करते हुए सरकारी धन की रिकवरी भी होगी. साथ ही दोषी मिले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. तत्कालीन बीडीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है.  एक पंचायत सचिव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.

करोड़पति मोहम्मद शमी की बहन-जीजा मनरेगा मजदूर, दो साल में कमाए 70 हजार, डॉक्टर-इंजीनियर भी पा रहे मजदूरी
 

Read More
{}{}