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Bijnor News: भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए करना पड़ा 60 साल इंतजार, भावुक कर देगी बालेश की कहानी

Bijnor News: यूपी के बिजनौर जिले में रक्षाबंधन पर एक बहन 60 साल बाद भाई की कलाई पर राखी बांधेगी. महज 9 साल की उम्र में ही वह परिवार से बिछड़ गई थी, जिसे मिलाने के लिए पोते ने मदद की.

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Bijnor news
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Shailjakant Mishra|Updated: Aug 09, 2025, 09:01 AM IST
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बिजनौर/राजवीर चौधरी: आज रक्षाबंधन का त्योहार है. इस खास दिन का इंतजार भाई-बहन को सालभर रहता है. लेकिन बिजनौर जिले में एक बहन 60 साल बाद अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी. वह 60 साल पहले मेले में खो गई थी. उसे फर्रुखाबाद के एक परिवार ने पाला. पोते के प्रयास से 60 साल बाद वह घर लौटी है. मामला थाना शहर कोतवाली के कंभोर गांव का है.

विस्तार से जानिए पूरा मामला
बिजनौर जिले के कंभोर गाँव के भगवान सिंह 60 साल पहले दारा नगर गंज गंगा स्नान मेले मे परिवार के साथ गए थे. तभी मेले मे अचानक अफरा तफरी मच गयी और मुन्नी देवी जो अब बालेश है, वह मेले में खो गयी. मुन्नी देवी की उम्र उस वक़्त 9 साल थी. मुन्नी को काफी तलाश किया गया, लेकिन मुन्नी नहीं मिली. मेले मे पुलिस ड्यूटी कर रहे सिपाही को मुन्नी मिली और सिपाही ने मुन्नी को फिरोजाबाद जिले के गाँव पटना के संतान विहीन ललई सिंह को सौंप दिया. 

9 साल की उम्र में परिवार से बिछड़ी
मुन्नी बताती है कि पिता ललई सिंह ने उन्हें बहुत लाड़ प्यार से पाला और मुन्नी की शादी फिरोजाबाद जिले के गांव सरोली के अमन सिंह से कर दी. मुन्नी देवी ने कई बार अपने पिता और पति से बिजनौर ले जाने को कहा लेकिन ना पिता और ना ही पति मुझे बिजनौर लेकर नहीं आये. बिजनौर की मुन्नी देवी 9 साल की गुम हुई थी. अब मुन्नी देवी फिरोजाबाद की बालेश देवी बन चुकी है. बालेश की उम्र 69 साल है और बालेश के 5 बच्चे हुए जिसमे 2 लड़कियां और 3 लड़के हैं सभी की शादी हो चुकी.

पोते ने की परिवार से मिलाने में मदद
मुन्नी देवी/बालेश देवी का एक पोता प्रशांत है, जो सेना मे नौकरी करता है. दादी ने ज़ब पोते को अपने बचपन की कहानी सुनाई तो पोते प्रशांत ने दादी को उसके पैतृक गांव कंभोर को तलाश करने की बात कही. अभी हाल ही मे कुछ दिन पहले मुन्नी देवी का पोता फिरोजाबाद से बिजनौर के गांव कंभीर आया और मुन्नी देवी के घर पहुंचा तो वहा पर मुन्नी देवी का भाई जगदीश मिला. 

ज़ब पोते प्रशांत ने मुन्नी देवी के भाई जगदीश सिंह को मुन्नी देवी के खोने की बात बताई और पुरानी बातें सुनाई तो भाई जगदीश सिंह को पूरा विश्वास हो गया और फिर पोते प्रशांत ने वीडियो कॉल के जरिये मुन्नी देवी की बात उनके भाई जगदीश से कराई तो बचपन की यादे ताज़ा हो गयी. अब मुन्नी देवी 60 साल बाद अपने पैतृक गांव कंभोर आ गयी है. 60 साल बाद घर पहुंचने पर परिवार की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. आखिर क़ार पोते ने 60 साल बाद अपनी दादी को उसके परिवार से मिला दिया. अब 60 साल बाद मुन्नी देवी अपने भाई जगदीश को राखी बांधेगी.

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