UP Board 10th 3rdTopper Ritu Garg Success Story (आकाश शर्मा): यूपी बोर्ड हाई स्कूल रिजल्ट में रितु गर्ग ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. वह मुरादाबाद जिल की रहने वाली हैं. बिलारी तहसील मे प्राइवेट स्कूल में वैन चलाने वाले सचिन गर्ग के ख़ुशी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. उनकी बेटी ने हाईस्कूल की परीक्षा मे 97.5 फीसदी यानि 600 मे से 585 अंक प्राप्त कर पूरे यूपी मे तीसरा स्थान प्राप्त किया है.
खबर मिलते ही दौड़ पड़ी खुशी की लहर
रितु गर्ग बिलारी तहसील के डॉ देवेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की छात्रा हैं. जैसे ही आज रिजल्ट आउट हुआ और पता चला कि रितु ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है तो घर से लेकर स्कूल तक ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी. जैसे ही रितु स्कूल पहुंचीं. शिक्षकों और साथियों ने उसका फूल माला पहनाकर स्वागत किया और मिठाईया खिलाकर ख़ुशी जताई.
IAS बनना सपना
रितु का सपना है की भविष्य मे UPSC पास कर आईएएस बनें. जिसके लिए वो कड़ी मेहनत करेंगी. वहीं रितु ने अन्य छात्र छात्राओं कों सलाह दी कि वह सोशल मीडिया से दूर रहें और अपनी सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करें. छात्रा रितु गर्ग का कहना है उन्होंने कभी कोचिंग से पढ़ाई ना करके हमेशा सेल्फ स्टडी और विद्यालय से ही पढ़ाई की है. पढ़ाई में विद्यालय का बहुत योगदान है. रितु अपनी कामयाबी का श्रेय माता पिता, शिक्षकों को देती हैं.
बेटी की सफलता पर पिता के छलके आंसू
पिता सचिन गर्ग बेटी की इस कामयाबी पर इतने खुश हैं कि उनकी आँखों से ख़ुशी के आंसू रोके नहीं रुक रहे. उनका कहना है कि इस ख़ुशी कों शब्दों में बयां नहीं सकते. मुझे पूरी उम्मीद थी कि ये कुछ करेगी एक दिन. मेरे बच्चे के साथ मेरे गुरुजन ने भी बहुत मेहनत की है. पिता का कहना है कि मेरा छोटा सा बिज़नेस है और बस इतना कहूंगा कि बच्चे मेहनत करते है तो उसका फल उनको जरूर मिलता है और मेरे इस बच्चे ने शुरू से ही मेहनत की है.
मां ने भी जताई बेटी की सफलता पर खुशी
रितु की मां किरण गर्ग का कहना है कि मुझे बहुत ख़ुशी और गर्व है कि मेरी बेटी रितु ने प्रदेश मे तीसरा स्थान प्राप्त किया है. उसकी सफलता में उसके गुरुजनों का बहुत बड़ा योगदान है. इसमें, रितु की स्टडी कों लेकर मां किरण का कहना है कि हमारा कुछ नहीं है. बच्चा अपने मन से तैयारी करता है. हमने कभी उसके ऊपर कोई लोड नहीं डालाय हमने कभी कोई प्रेशर नहीं डालाय बस वो अपने मन से पढ़ाई करती थी. भविष्य मे यही चाहेंगे कि ज्यादा से ज्यादा ऊंचाई पर जाए. बोलीं आज मेरी आँखे नम हैं क्योंकि जब बच्चे ने हमारा नाम रोशन किया है तो ख़ुशी तो हमें बहुत हैं.