Moradabad Hindi News/आकाश शर्मा: संभल में नेजा मेले पर लगी रोक के बाद अब मुरादाबाद के बिलारी तहसील क्षेत्र के थांबला गांव में लगने वाले नेजा मेले का विरोध शुरू हो गया है. हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बिलारी तहसील पहुंचकर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) विनय कुमार को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने मांग की कि थांबला गांव में आयोजित होने वाले नेजा मेले को रोका जाए.
क्या है विरोध का कारण?
हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मेला सय्यद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किया जाता है, जो महमूद गजनवी का सेनापति था और जिसने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण कर लूटपाट और कत्लेआम किया था. ज्ञापन में कहा गया कि संभल में इसी आधार पर मेले को बंद किया गया था, इसलिए मुरादाबाद में भी इसे अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
क्या कहा हिंदू संगठनों ने?
हिंदू संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि सय्यद सालार मसूद गाजी ने भारत पर कई बार आक्रमण किया, सोमनाथ मंदिर को लूटा और पृथ्वीराज चौहान को 16 बार हराकर बंदी बनाया. ऐसे व्यक्ति की याद में किसी मेले का आयोजन नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि कई मुस्लिम समुदाय के लोग, जो अब तक इतिहास से अनजान थे, वे भी इस मेले के आयोजन का समर्थन नहीं कर रहे हैं.
प्रशासन का क्या कहना है?
हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों के अनुसार, उपजिलाधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मेले के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं मांगी गई है. संगठन इस मुद्दे पर पूरी तरह से सतर्क हैं और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मेला आयोजित न हो.
नेजा मेला: परंपरा और विवाद
बता दें कि मुरादाबाद के बिलारी तहसील क्षेत्र के थांबला गांव में सय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह स्थित है, जहां हर वर्ष नेजा मेले का आयोजन किया जाता है. लेकिन अब हिंदू संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन पर इसे रोकने का दबाव बढ़ गया है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेता है और क्या मुरादाबाद में भी संभल की तरह नेजा मेले पर रोक लगेगी या नहीं.
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