Sambhal News: वैसे तो संभल पिछले कई दिनों से चर्चाओं में बना हुआ है, लेकिन फिर होली को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है. अब संभल का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. इसे लेकर सनातन सेवक संघ ने सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है. ज्ञापन में संभल का प्राचीन नाम शम्भल करने के साथ चौराहों पर भगवान परशुराम की प्रतिमा और सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम पर चौराहों का नामकरण करने की मांग हो रही है. इतना ही नहीं प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की गई है.
क्या है इस शहर का महत्व?
दरअसल, होली को लेकर सीओ अनुज चौधरी के बयान पर बवाल हुआ था. इस बयान के बाद शाही जामा मस्जिद के पास होली खेलने से संभल शहर का माहौल तनावपूर्ण है. ऐसे में संभल में होली पर जुमे की नमाज को लेकर संशय पैदा हो गया है. इस बीच संभल का नाम बदलने की मांग की गई है. रिपोर्ट्स की मानें तो संभल एक प्राचीन वैदिक सनातन नगरी रही है. जिसे प्राचीन ग्रंथों में सत्यव्रत नगरी और शम्भल के नाम से जाना जाता था.
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जानें शहर का पुराना नाम
इस नगर में 68 तीर्थ एवं 19 कूप स्थित हैं, जो इसकी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाते हैं. आपको बता दें, संभल एक पौराणिक नगरी है. इसका स्कन्द पुराण समेत सभी हिन्दू ग्रंथों में जिक्र है. पहले इसका नाम सत्यव्रत था, उसके बाद पिंगल नाम हुआ. बाद में इसका नाम शंभू आलय की जगह संभल हो गया.
शहर का नाम बदलने की मांग
कहा जाता है संभल शंभू की नगरी के नाम से मशहूर थी. यहां कल्कि भगवान का अवतार भी होगा. भगवान कल्कि के गुरु परशुराम जी को माना जाता है, इसीलिए संभल के चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित करने की मांग हो रही है. साथ ही संभल का नाम शम्भल करने की मांग हुई है. संभल पृथ्वी राज चौहान की राजधानी रही है. प्राचीन महत्व के चलते पृथ्वी राज चौहान की मूर्ति भी नगर में स्थापित करने की भी डिमांड हो रही है.
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