सुनील सिंह/संभल: यूपी के संभल में DIOS और SDM ने एक निजी विद्यालय पर छापा मारा. अधिकारियों की इस छापामारी से हड़कंप मच गया. वहीं छापे के दौरान DIOS ने 12वीं कक्षा के बच्चों से जिले के DM और SP का नाम पूछा. मगर छात्र छात्राएं उनका नाम नहीं बता सके. अधिकारियों की इस कार्रवाई में ना तो विद्यालय में राइट टू एजुकेशन के तहत बच्चों को एडमिशन दिया गया और ना ही विद्यालय की बिल्डिंग मानक के अनुरूप बनी हुई थी.
बता दे कि बुधवार को संभल सदर की SDM डॉ वंदना मिश्रा और जिले के DIOS श्यामा कुमार ने सदर कोतवाली इलाके के मंडी रोड स्थित सेंट मेरी विद्यालय में छापामार कार्रवाई की. उनकी कार्रवाई से हड़कंप मच गया. सबसे पहले दोनों अधिकारियों ने विद्यालय में किताबों की जांच की. इसके बाद दोनों अधिकारी 11 एवं 12 वीं की कक्षाओं में पहुंचे जहां उन्होंने बच्चों से जिले के DM और SP का नाम पूछा मगर बच्चे उनका नाम नहीं बता पाए.
DIOS ने जताई नाराजगी
यह सुनकर DIOS ने नाराजगी जाहिर की. वहीं अधिकारियों की जांच में यह भी आया कि विद्यालय की बिल्डिंग बगैर नक्शा पास कराए बनाई गई है जबकि राइट टू एजुकेशन के तहत बच्चों को एडमिशन नहीं दिया गया है. यही नहीं जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि छात्र-छात्राओं के व्हाट्सएप ग्रुप पर निजी प्रकाशकों से किताबें खरीदने का मैसेज भी मिला है. अब इस मामले में SDM और DIOS की ओर से DM को जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
क्या बोलीं संभल एसडीएम?
संभल SDM डॉ वंदना मिश्रा ने बताया, अभिभावकों की शिकायत मिल रही थी कि स्कूल ने फीस बढ़ा दी और प्राइवेट पब्लिकेशन की बुक किसी एक बुक सेलर से लेने की शिकायत मिली. उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों के एडमिशन की भी जांच की गई है. एक व्हाट्सएप ग्रुप पर पर्टिकुलर पब्लिकेशन और दुकान से खरीदने की बात सामने आई है. इसकी भी जांच की जा रही है. साथ ही स्कूल की बिल्डिंग आवासीय स्थल के मैप भी स्वीकृत नहीं है. इसके पेपर मांगे गए हैं, इन्हें एक दिन का समय दिया गया है कि वह अपना पक्ष रखें उसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी.
DIOS श्यामा कुमार ने बताया कि सेंट मेरी स्कूल में आज जांच और इंस्पेक्शन किया गया है. इसकी शिकायत मिल रही थी कि अग्रेंजी माध्यमिक स्कूलों में निजी प्रशासकों की पुस्तकें चलाई जा रही हैं व बिना जनपदीय परीक्षा समिति के अनुमोदन के शुल्क वृद्धि का मामला सामने आया है. अभी तो इनसे अभिलेख मांगे गए हैं. हम अपनी रिपोर्ट जिला परीक्षा शुल्क नियामक समिति के समक्ष रखेंगे. उसके बाद क्या कार्रवााई होगी उसका निर्णय लिया जाएगा.