Sambhal Hindi News/सुनील सिंह: उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बिना नक्शा पास कराए मकान बनाने के मामले में अब तक वह कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके हैं. उन्होंने न तो यह साबित किया है कि मकान उनके नाम पर नहीं है और न ही यह प्रमाणित कर पाए हैं कि निर्माण कार्य पुराना है.
अब इस मामले की गहराई से जांच के लिए एसडीएम सदर वंदना मिश्रा ने एक दो सदस्यीय कमेटी गठित की है. इसके अलावा, निर्माण कार्य की विस्तृत जांच के लिए PWD के अधिशाषी अभियंता (XEN) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम भी बनाई गई है.
नवनिर्माण की पुष्टि, जल्द होगी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, प्रशासनिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि निर्माण कार्य नया है. हालांकि, यह कितना नया है और कितने क्षेत्र में हुआ है, इसकी सटीक जानकारी के लिए टीम को जांच सौंपी गई है.
एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि यह मामला 5 दिसंबर 2024 से लंबित है. नियमानुसार, किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पहले नक्शा पास कराना आवश्यक होता है, लेकिन सांसद महोदय ने कोई अनुमति नहीं ली थी. जब उन्हें नोटिस जारी किया गया, तो उन्होंने कहा कि मकान नवनिर्मित नहीं है और न ही उनके नाम पर है. लेकिन प्रशासनिक जांच में यह पुष्टि हुई कि मकान नया बना है और उनके नाम पर ही है.
22 मार्च तक रिपोर्ट, हो सकती है कड़ी कार्रवाई
मामले की विस्तृत जांच के लिए सम्भल के अधिशाषी अभियंता (XEN) और जूनियर इंजीनियर (JE) की एक टीम बनाई गई है. यह टीम दो प्रमुख बिंदुओं पर जांच करेगी.
1. निर्माण कितने क्षेत्र में किया गया है?
2. निर्माण कितना नया है?
टीम को 22 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर सांसद पर जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है.
प्रशासन इस मामले में पूरी गंभीरता से कार्यवाही कर रहा है और सांसद को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर भी दिया गया है. अब देखना यह होगा कि 22 मार्च को रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन क्या कड़ा कदम उठाता है.
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