आकाश शर्मा/Moradabad News: मुरादाबाद में ट्रैफिक पुलिस का एक सिपाही मंगलवार को कार ड्राइवर के लिए फरिश्ता बनकर सामने आया. रेलवे स्टेशन के सामने कार ड्राइव करते-करते ड्राइवर को हार्ट अटैक आ गया. उसकी कार गाड़ियों से टकराते हुए डिवाइडर में जा घुसी. रेलवे स्टेशन के सामने ड्यूटी पर तैनात सिपाही राजपाल ने तुरंत मौके पर जाकर देखा तो ड्राइवर अपनी सीट पर बेसुध पड़ा था. राजपाल ने तुरंत ड्राइवर को जमीन पर लिटाकर CPR देना शुरू कर दिया. अपने साथियों से तुरंत एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहा. वक्त से CPR मिलने की वजह से ड्राइवर मदन कुमार की जान बच गई. कुछ ही देर में एम्बुलेंस की मदद से ड्राइवर मदन कुमार को जिला अस्पताल भिजवा दिया गया. एसएसपी ने उन्हें इनाम देकर हौसला बढ़ाया. पुलिसकर्मियों को दी गई सीपीआर ट्रेनिंग का यह सकारात्मक परिणाम रहा.
कब हुई घटना
जिस समय घटना हुई उस समय उस क्षेत्र में मुख्य आरक्षी राजपाल और सिपाही सोनवीर सिंह यातायात व्यवस्था ड्यूटी पर तैनात थे. दोनों ट्रैफिक पुलिसकर्मी तत्काल घटना स्थल पर पहुंच गए. दोनों ने बिना समय गंवाए चालक को सीपीआर देना शुरू कर दिया. कुछ देर CPR देने के बाद चालक की धड़कन चलने लगीं. जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने कहा कि यदि सीपीआर न दिया गया होता तो चालक की जान चली जाती.
पांच-पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के इस साहसिक सेवा काम की वहां मौजूद भीड़ ने खूब तारीफ की. पता चलने पर एसएसपी सतपाल अंतिल ने भी मुख्य आरक्षी राजपाल और सिपाही सोनवीर सिंह की सराहना की. उन्होंने पांच-पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार देकर दोनों को उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया. एसएसपी ने लोगों से अपील की कि सड़क पर सतर्कता अपनाएं। यातायात नियमों का पालन करें और आपात स्थिति में सड़क सुरक्षा एवं स्वास्थ्य–प्रबंधन के प्रति सजग रहें।
क्या है सीपीआर?
कार्डियो पल्मोनरी रिसस्सिटेशन एक आपात कालीन जीवन रक्षक प्रक्रिया है. किसी व्यक्ति की जब धड़कन या सांस रुक जाती है तो सीपीआर के माध्यम से उसे वापस लाया जा सकता है. दरअसल हार्ट अटैक की स्थिति में व्यक्ति के शरीर में खून का संचार और ऑक्सीजन की उपलब्धता थम जाती है. उसके सीने पर दबाव डाल कर और मुंह से सांस देकर खून का प्रवाह और ऑक्सीजन का वितरण सुनिश्चित किया जाता है. यही प्रक्रिया सीपीआर कहलाती है.