Who is Sabih Khan: सबीह खान को एप्पल कंपनी के नए मुख्य ऑपरेशन अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यानी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट के बाद एक और अमेरिकी कंपनी ने भारत की काबिलियत पर भरोसा जताया है. वह जुलाई के अंत तक इस पद की जिम्मेदारी संभाल लेंगे. खान बीते 30 सालों से कंपनी में सेवाएं दे रहे हैं. शबीह खान जेफ विलियम्स की जगह चीफ ऑफरेटिंग ऑफिसर की भूमिका संभालेंगे. कंपनी की तरफ से बीते दिन इसके बारे में जानकारी दी गई. आइए जानते हैं सबीह खान के बारे में जिनका नाता यूपी से है..
कौन हैं सबीह खान?
सबीह का खास कनेक्शन उत्तर प्रदेश से है. सबीह खान भारतीय मूल के हैं. सबीह खान का जन्म 1966 में यूपी के मुरादाबाद के खान परिवार में हुआ था. उनका नाता मुरादाबाद के सिविल लाईन इलाके में रहने वाले और मुरादाबाद की ब्रास एक्सपोर्ट इंडस्ट्री के फाउंडर माने जाने वाले प्रसिद्ध कारोबारी यार मोहम्मद खान के परिवार से है. यार मोहम्मद खान का नाम मुरादाबाद में हर आम और खास के लिए जाना पहचाना है.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां उनके परिवार का एक स्कूल, होटल और शापिंग मॉल भी है. सबीह के पिता साईद यू खान मूल रूप से रामपुर के रहने वाले थे और 1963 में यार मोहम्मद खान की पोती साजदा खान से शादी के बाद वो मुरादाबाद में ही रह कर पीतल एक्सपोर्ट का कारोबार करने लगे थे.
पांचवीं तक मुरादाबाद में की पढ़ाई
मुरादाबाद में सबीह का जन्म हुआ और उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई मुरादाबाद के सेंट मैरी स्कूल से की. इसके बाद सबीह के पिता परिवार सहित सिंगापुर चले गए और वहीं अपना कारोबार शुरू कर दिया. उनकी स्कूलिंग सिंगापुर में हुई और उसके बाद वो आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए. फिर उन्होंने RPI से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया.
सबीह खान की पत्नी कौन?
वॉशिंगटन की लड़की से सबीह की शादी हुई और उनके तीन बच्चे हैं. सबीह खान खुद सादगी पसंद इंसान हैं और उनकी हिंदी पर भी मजबूत पकड़ है. वह आज भी हिंदी के गाने सुनते हैं.
कब ज्वाइन किया था एप्पल?
सबीह खान ने 1995 में एप्पल ज्वाइन किया. इससे पहले वे जीई प्लास्टिक्स में इंजीनियर थे. एप्पल में उन्होंने कंपनी की सप्लाई चेन को मजबूत बनाया.सप्लाई चेन का मतलब है, कंपनी के उत्पादों को बनाने और ग्राहकों तक पहुंचाने का पूरा सिस्टम. मैन्युफैक्चरिंग का मतलब है, उत्पादों को बनाने की प्रक्रिया. सस्टेनेबिलिटी प्रोग्राम्स का मतलब है, पर्यावरण को बचाने के लिए किए जाने वाले काम.