नैनीताल/गौरव जोशी: उत्तरकाशी में आई आपदा और लगातार हो रही भारी बारिश ने नैनीताल के पर्यटन कारोबार को गहरा झटका दिया है. सड़कों पर मलबा, भूस्खलन और मौसम विभाग की ओर से जारी रेड अलर्ट के चलते पर्यटकों ने नैनीताल आने से परहेज करना शुरू कर दिया है. इसका सीधा असर होटलों और स्थानीय व्यापारियों पर पड़ा है.
95 फीसदी बुकिंग हुईं कैंसिल
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में लगभग 95 प्रतिशत होटल बुकिंग रद्द हो चुकी हैं. उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे भूस्खलन के वीडियो और रील्स ने भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है, जबकि नैनीताल और इसके आसपास के अधिकतर पर्यटन स्थल पूरी तरह सुरक्षित हैं. नैनीताल में कहीं भी भूस्खलन हुआ है, वहां प्रशासन द्वारा तुरंत राहत और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है. सुरक्षा बल भी सतर्कता के साथ तैनात हैं.
पर्यटकों का क्या कहना?
दिल्ली से आए पर्यटक सरबजीत ने कहा पूरे रास्ते में कहीं भी भूस्खलन जैसी कोई समस्या नहीं दिखी. सफर पूरी तरह सुरक्षित रहा और यहां का मौसम बेहद सुहावना है. इसी तरह पर्यटक मनप्रीत ने बताया सोशल मीडिया पर जो दिखाया गया, वह देखकर डर लग रहा था, लेकिन यहां आकर महसूस हुआ कि स्थिति सामान्य है. असली हालात रील्स से काफी अलग हैं.
स्थानीय व्यापारी क्या बोले?
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि मानसून के मौसम में आमतौर पर पर्यटकों की संख्या घटती है, लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों और आपदा की खबरों ने पर्यटन को लगभग पूरी तरह ठप कर दिया है. उनका कहना है कि नैनीताल पूरी तरह सुरक्षित है, और प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है. अब जरूरत इस बात की है कि सही जानकारी लोगों तक पहुंचे, ताकि भ्रम का माहौल खत्म हो और पर्यटन गतिविधियां फिर से रफ्तार पकड़ सकें.