Private Coaching institute Rules 2024: प्राइवेट कोंचिंग सेंटर्स पर केंद्र सरकार ने लगाम कस दी है. अब कोई भी कहीं भी और कभी भी मनमाने तरीके से प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा. उसे रजिस्ट्रेशन कराना होगा. कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा. इससे 16 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे ही कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर पाएंगे. कोचिंग सेंटर किसी छात्र से मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकेंगे. उन्हें हर चीज का रिकॉर्ड रखना होगा.
उनके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा और इससे छात्रों की सुरक्षा खतरे में डालते हुए गली-मोहल्लों और नुक्कड़ पर धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर (Private Coaching Law) खोलना संभव नहीं होगा. संस्थान में आग और भूकंप जैसी आपदाओं से बचने का पूरा इंतजाम करना होगा. यही नहीं, ग्रेजुएट से कम पढ़ा लिखा कोई भी शख्स ट्यूशन नहीं दे सकेगा. उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए. छात्रों को परीक्षा में पास कराने की 100 फीसदी गारंटी जैसा कोई भी भ्रामक विज्ञापन नहीं चलेगा.
केंद्र ने ये गाइलाइन देश भर में आईआईटी जेईई (IIT JEE Coaching) और मेडिकल (Medical Coaching) की पढ़ाई कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों और देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को लेकर दिया है. शिक्षा मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है.
कोचिंग केंद्रों पर जिम्मेदारी
गाइडलाइन के अनुसार, आईआईटी जेईई, एमबीबीएस, नीट जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए कोचिंग सेंटरों के पास फायर और भवन सुरक्षा संबंधी एनओसी होनी चाहिए. परीक्षा और सफलता के दबाव को लेकर छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए.
कई राज्यों में पहले से रेगुलेशन
कोचिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन 2024 के दिशानिर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले ही भेजे गए हैं. कुछ राज्यों में पहले से ही कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के रेगुलेशन संबंधी कानून हैं, अधिक फीस वसूलने वाले और कुकुरमुत्ते की तरह खुले प्राइवेट कोचिंग सेंटरों की बढ़ती तादाद और वहां सुसाइड के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने ये मॉडल गाइडलाइन जारी की है.
हाल ही में कोटा की कोचिंग मंडी और अन्य बड़े केंद्रों से इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों के द्वारा आत्महत्या करने के मामले सामने आए हैं. कुछ अभिभावक और एनजीओ की ओर से यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक भेजा गया है. ऐसे ही एक अभिभावक अनिरुद्ध नारायण ने कोटा में युवाओं के सुसाइड को रोकने से जुड़े दिशानिर्देशों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.वर्ष 2023 में आत्महत्या के 26 मामले सिर्फ कोटा में सामने आए हैं.
गाइडलाइन में कहा गया है कि छात्रों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और अकादमिक दबाव को देखते हुए कोचिंग केंद्रों को बच्चों की भलाई के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. कोचिंग संस्थान तनाव और अवसाद से छात्रों को बचाने और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मददअनुभवी साइकोलॉजिस्ट की सहायता लेनी होगी.
उल्लंघन पर तगड़ा जुर्माना
कोचिंग सेंटर्स को गाइडलाइन के अनुरूप रजिस्ट्रेशन न कराने और नियम और शर्तों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना देना होगा. कोचिंग सेंटर पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार, दूसरी बार एक लाख और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन कैंसल करने के साथ भारी जुर्माना के लिए तैयार रहना होगा.
फीस रिफंड
गाइडलाइन के मुताबिक, कोर्स की अवधि के दौरान फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी. किसी छात्र ने पूरा भुगतान करने के बावजूद कोर्स को बीच में छोड़ने का आवेदन किया है तो पाठ्यक्रम की शेष अवधि का पैसा वापस करना होगा. रिफंड में हॉस्टल और मेस फीस भी शामिल होगी. कोचिंग सेंटर के लिए पर्याप्त जगह के साथ वहां आग और भूकंप जैसे खतरों से बचने का पूरा इंतजाम होना चाहिए.
5 घंटे से ज्यादा क्लास
किसी भी हालात में स्कूलों या संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की टाइमिंग के दौरान कोचिंग कक्षाएं नहीं चलेंगी. एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं चलेंगी. सुबह अर्ली मार्निंग और लेट नाइट क्लास नहीं होंगी.छात्रों और शिक्षकों को वीक ऑफ मिलेगा. त्योहारों में कोचिंग सेंटर छात्रों को परिवार के साथ जुड़ने और भावनात्मक लगाव को बढ़ाने का मौका देंगे. छात्रों की काउंसिलिंग की पूरी व्यवस्था होगी. क्लास में कितने बच्चे हैं, उसका पूरा रिकॉर्ड स्कूल और शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर देना होगा.
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