पीयूष गौड़/गाजियाबाद: गाजियाबाद और नोएडा की सड़कों पर धुआं उड़ाती, खड़खड़ाती पुरानी गाड़ियों के दिन लदने वाले हैं. दिल्ली की तर्ज पर यहां भी 1 नवंबर से सख्त अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा. दिल्ली में पहले से ही ऐसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने से मना कर सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे वाहन मालिकों की परेशानी बढ़ चुकी है. अब यही फॉर्मूला गाजियाबाद और नोएडा में भी लागू होगा, लेकिन इस बार तैयारी और सिस्टम और भी टाइट रहेगा.
1 नवंबर से चलेगा अभियान
गाजियाबाद एआरटीओ (प्रशासन) मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि 1 नवंबर से अभियान चलाया जाएगा और दिल्ली के अनुभवों से सीखते हुए उसे ज़मीन पर मजबूती से लागू किया जाएगा। अभियान के दौरान जो वाहन अपनी तय आयु सीमा पार कर चुके होंगे, उन्हें पहले चालान किया जाएगा और बाद में SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के तहत स्क्रैप की कार्रवाई होगी। अगर वाहन मालिक चालान की प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो गाड़ी का चलना तो दूर, उसे स्क्रैपिंग यार्ड तक पहुंचा दिया जाएगा।
अधिकारियों के रडार पर पुरानी गाड़ियां
दिल्ली में सख्ती के बाद पुरानी गाड़ियों का तेजी से गाजियाबाद और आस-पास के इलाकों में बिकना भी अधिकारियों के रडार पर है. परिवहन विभाग की टीमें अब सड़कों पर एक्टिव पेट्रोलिंग करेंगी और जहां भी ऐसी गाड़ियां दिखेंगी, मौके पर सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. यानी अब गाजियाबाद-नोएडा की सड़कों पर पुराने वाहनों की नहीं, नियमों की चलेगी.
यहां मिलेगी छूट
हालांकि, यदि कोई वाहन मालिक उत्तर प्रदेश के उन 34 जनपदों में गाड़ी रजिस्टर कराने की बात करता है, जहां अभी आयु सीमा की बाध्यता नहीं है, तो उन्हें एनओसी देकर वैध तरीके से वाहन चलाने की छूट दी जाएगी. यह कदम ना सिर्फ सड़क सुरक्षा और पर्यावरण की दिशा में बड़ा प्रयास है, बल्कि इससे ट्रैफिक सिस्टम भी ज्यादा क्लीन और ग्रीन बनेगा.
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