एसडीम राज्य सिविल अधिकारी होता है. ट्रेनी आईएएस को एसडीएम के रूप में सेवा के लिए चुना जा सकता है. स्टेट पब्लिक कमीशन से सिलेक्शन के बाद व्यक्ति इस पद पर पहुंचता है. लेकिन इसके लिए अच्छी रैंक की जरूरत होती है.
संघ लोक सेवा आयोग या स्टेट पब्लिक कमीशन की प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू क्लियर करने के बाद IAS-PCS बनते हैं. यूपीएससी क्लियर करने वाले उम्मीदवार ट्रेनिंग खत्म करते ही कैडर मिलने के बाद राज्यों में एसडीएम पद मिलता है. इसके अलावा पीसीएस में अच्छी रैंक लाने वालों को एसडीएम पद मिलता है.
एसडीएम के पास राजस्व कार्य, चुनाव आधारित काम, मैरिज रजिस्ट्रेशन आदि की जिम्मेदारियां होती हैं. एसडीएम के पास अपने उपखंड के तहसीलदारों पर नियंत्रण रहता है. वह जिलाधिकारी और तहसीलदार के बीच एक कड़ी का काम करता है.
एसडीएम को सरकारी आवास की सुविधा, सर्वेंट अलाउंस, आधिकारिक कामों के लिए वाहन की सुविधा, फ्री मेडिकल सुविधा, टेलीफोन और इंटरनेट की सुविधा के अलावा पेंशन और रिटायरमेंट लाभ मिलते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में एसडीएम सैलरी लेवल-10, ग्रेड पे - 5400 और पे स्केल 9300-34800 सैलरी मिलती है. यानी बेसिक सैलरी 56100 रुपये प्रतिम माह होती है. इसके अलावा अन्य भत्ते अलग से मिलते हैं.एसडीएम की अधिकतम सैलरी 1,77,500 रुपये होती है.