UP 69000 Teacher Bharti: यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती मामले आर्थिक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ देने की मांग को खारिज कर दिया हैं. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि 69000 शिक्षक भर्ती विज्ञापन में ईडब्ल्यूएस कोटा का कोई जिक्र नहीं है, इसलिए अब इस भर्ती में ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन देना असंभव है.
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया कि 69000 शिक्षक भर्ती शुरू होने से पहले प्रदेश में ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन को लागू किया जा चुका था. ऐसे में सरकार को इसका फायदा देना चाहिए था, लेकिन अब नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति पा चुके हैं. ऐसे में ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को इसमें जोड़ना संभव नहीं हैं. ये संविधान के अनुच्छेद 16 की भावना के विपरीत होगा.
याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता शिवम पांडे और पांच अन्य के इससे जुड़ी दूसरी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई की. इस पर न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने अपील की कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन जारी होने की तिथि 17 मई 2020 से पहले ही EWS आरक्षण लागू हो चुका था. इसलिए अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिलना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना अधिसूचित पदों पर आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता.
डबल बेंच ने भी किया खारिज
हाईकोर्ट के इस फैसले का 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित (दलित, पिछड़े) वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू होने से पहले प्रारंभ हो चुकी थी. ऐसे में इस भर्ती में ईडब्ल्यूएस की मांग कतई जायज नहीं है. ईडब्ल्यूएस की मांग को कोर्ट की सिंगल बेंच ने भी खारिज कर दिया था. इस मामले को अब डबल बेंच ने भी खारिज कर दिया है.
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