मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: वैवाहिक प्रेमी जोड़े को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने वैवाहिक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा बालिग होने के नाते वह एक दूसरे के साथ रहने के लिए स्वतंत्र हैं. कानूनी रूप से उन्हें जरूरी सुरक्षा भी मुहैया कराई जानी चाहिए. प्रिया सोलंकी और उनके प्रेमी पति ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस अनिल कुमार X की डिविजन बेंच ने याचिका पर सुनवाई की.
हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह में मांगा जबाव
बुलंदशहर के एसएसपी को वैवाहिक जोड़े की सुरक्षा का निर्देश दिया है. याचियों ने परिवार से जान का खतरा जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी. युवती ने कोर्ट में यह भी आशंका जताई थी कि उसके परिवार की ओर से उनके 'ऑनर किलिंग' की साजिश की जा सकती है. याचियों ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर में भी राहत की मांग की थी. हाईकोर्ट ने याचियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब भी मांगा है. जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस अनिल कुमार की डिविजन बेंच ने याचिका पर सुनवाई की.
लड़की के पिता ने लगाए थे ये आरोप....
मामला बुलंदशहर के खुर्जा थाने में मई के महीने में दर्ज हुआ था, जिसमें लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि ऊंची जाति के युवक ने उनकी बेटी का अपहरण किया और आर्य समाज मंदिर में जबरन शादी कर लीय शिकायत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 87 (अपहरण) के तहत दर्ज की गई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह साफ किया कि एक बालिग महिला को अपने जीवनसाथी का चयन करने का पूरा अधिकार है.