प्रयागराज/ मो. गुफरान: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा की एक छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार युवक निश्चल चंदक को जमानत देते हुए जो टिप्पणी की, उसकी हर तरफ चर्चा हो रही है, और नई बहस को जन्म दे दिया है. कोर्ट ने कहा, "अगर पीड़िता के आरोपों को सही मान भी लें, तो वह खुद इस परेशानी के लिए जिम्मेदार है. उसने ही हालात को न्योता दिया था."
क्या है पूरा मामला
यह मामला गौतम बुद्ध नगर के थाना-126 में दर्ज हुआ था. नोएडा की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया था कि वह पिछले साल दिसंबर में अपने दोस्तों के साथ दिल्ली के हौज खास स्थित एक बार में गई थी, जहां उसकी मुलाकात निश्चल से हुई. छात्रा का आरोप है कि निश्चल ने उसे शराब के नशे में बहलाया और बार-बार साथ चलने का दबाव बनाकर आधी रात उसे अपने साथ ले गया.
पीड़िता के अनुसार, आरोपी उसे नोएडा स्थित घर ले जाने की बात कहकर गुड़गांव के एक फ्लैट में ले गया, जो उसके रिश्तेदार का था, और वहीं उसने वारदात को अंजाम दिया. उसने यह भी आरोप लगाया कि रास्ते भर आरोपी उसे आपत्तिजनक तरीके से छूता रहा.
हालांकि, आरोपी का कहना है कि सबकुछ सहमति से हुआ और पीड़िता ने खुद ही उसके साथ चलने का निर्णय लिया. मेडिकल रिपोर्ट में यौन हिंसा के कोई स्पष्ट संकेत नहीं पाए गए हैं.
पीड़ित की भूमिका संदेह के घरे में- कोर्ट
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की बेंच ने यह कहते हुए निश्चल को जमानत दे दी कि पीड़िता की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. कोर्ट की यह टिप्पणी अब सोशल मीडिया और कानूनी हलकों में तीखी बहस का विषय बन चुकी है.
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