Prayagraj Hindi News/मोहम्मद गुफरान: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के करछना इलाके में उस वक्त तनाव फैल गया, जब भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने इसौटा गांव जाने से रोक दिया. दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें सर्किट हाउस में ही रोक लिया गया. इससे नाराज होकर सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और जमकर हंगामा किया.
भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने की तोड़फोड़ और पथराव
भड़ेवरा बाजार से लेकर हनुमानपुर मोरी तक उपद्रवियों ने आधा दर्जन से ज्यादा बसों, चार पुलिस वाहनों और अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की. दुकानों को निशाना बनाया गया और राहगीरों से मारपीट की गई. पुलिस द्वारा रोकने की कोशिश पर पथराव शुरू कर दिया गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात करनी पड़ी.
मामला उस समय भड़का जब चंद्रशेखर आजाद को सर्किट हाउस में रोके जाने की खबर इसौटा गांव में मौजूद कार्यकर्ताओं तक पहुंची. कार्यकर्ताओं ने पुलिस और राहगीरों के वाहनों पर हमला कर दिया. दुकानों में तोड़फोड़ के साथ दुकानदारों को भी पीटा गया.
गौरतलब है कि इसौटा गांव निवासी दलित युवक देवीशंकर की 13 अप्रैल को संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत हो गई थी. परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है, लेकिन प्रशासन द्वारा मदद का आश्वासन देने के बावजूद सहायता नहीं मिलने से मामला तूल पकड़ गया. स्थिति फिलहाल तनावपूर्ण बनी हुई है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं और क्षेत्र में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है.
एडिशनल सीपी ने क्या बताया?
एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था अजय पाल शर्मा ने बताया कि सांसद चंद्रशेखर आजाद को यहां पर आना था. जिसके चलते उनके समर्थक बड़ी संख्या में इकट्ठा थे. सभी को समझाने बुझाने का प्रयास किया जा रहा था. इसी दौरान उग्र समर्थकों ने पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को निशाना बनाते हुए पथराव किया है. आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई है. अजयपाल शर्मा ने बताया कि घटना में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अभी हालात को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि 12 अप्रैल को करछना थाना क्षेत्र के ईसौता गांव में देवी शंकर का अधजला शव पाया गया था. देवी शंकर के परिजनों ने गांव के ही ठाकुर बिरादरी पर जलाकर हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने मृतक के परिजनों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. रविवार को सांसद चंद्रशेखर आजाद मृतक परिवार से मिलने के लिए आना चाहते थे. जिसके चलते बड़ी संख्या में चंद्रशेखर आजाद के समर्थक भी इकट्ठा थे. बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को सर्किट हाउस में ही रोक लिया था. जिसके चलते चंद्रशेखर आजाद के समर्थक उग्र हो गए और यहां पर बवाल उपद्रव, पथराव और आगजनी की गई है.