अली मुक्ता/कौशांबी: कहा जाता है कि कानून में देर है अंधेर नहीं. कुछ ऐसा ही मामला कौशांबी में सामने आया है. यहां जनपद एवं सत्र न्यायालय की एसीजेएम की अदालत ने छेड़खानी के एक मामले में 15 साल बाद सजा सुनाई. छेड़खानी जैसे मामले में सजा को लेकर कुछ लोग कोर्ट की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं चर्चा इस बात की है कि आखिर यह मामला 15 साल तक कोर्ट में क्यों खींचा गया. मगर उससे भी बड़ी हैरानी तो सजा की अवधि है जिसे सुनकर लोग हैरान हैं. आइये आपको पूरा मामला बताते हैं.
क्या है पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र का है. जहां पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती ने 29 मई 2010 को पुलिस को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि गांव का ही रहने वाला विनोद कुमार सोनकर आए दिन उसके साथ छेड़खानी करता है. पश्चिम शरीरा पुलिस ने इस मामले में युवती की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया और मामले में जांच शुरू की. जांच में बाद आरोपी युवक के खिलाफ पूरे मामले की जांच की चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई.
न्यायालय उठने तक कारावास की सजा बनी चर्चा का विषय
न्यायालय ने इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए घटना के 15 साल बाद 30 जुलाई 2025 को आरोपी विनोद कुमार सोनकर को दोषी करार देते हुए न्यायालय उठने तक कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त विनोद कुमार पर 1200 रुपये अर्थदंड से दंडित किया है. 15 साल बाद छेड़खानी के अभियुक्त को न्यायालय उठने तक कारावास की सजा की जानकारी मिलते ही लोगों में यह मामला चर्चा का विषय बन हुआ है.
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