मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: संगम नगरी में बाढ़ से बिगड़ते हालात के बीच यमुना नदी का जल शहर के 3 किलोमीटर अंदर रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर गया है. यमुना की सहायक ससुर खदेरी नदी के जरिए यमुना नदी ने करामत चौकी, करेलाबाग, अंधीपुर, दामूपुर और बक्शी इलाके के 40 हजार से अधिक की आबादी को प्रभावित किया है. इन इलाकों में बाढ़ ने मकान से लेकर खेत खलिहान को भी अपनी चपेट में ले लिया है.
पलायन को मजबूर लोग, किसानों को नुकसान
जिसके चलते यहां पर न सिर्फ रहने वाले मकानों से लोगों ने पलायन कर लिया है, बल्कि किसानों को खेती का भी भारी नुकसान बाढ़ के चलते उठाना पड़ रहा है.वहीं प्रयागराज में आई भीषण बाढ़ को देखने के लिए नदियों पर बने पुल/ब्रिज पर तमाशबीनों का मजमा भी जुट रहा है. वीडियो और रील्स बनाने के लिए करीब तीस फिट ऊपर ब्रिज से कई युवा खतरनाक स्टंट करते हुए सीधे बहती यमुना की जलधारा में छलांग लगा रहें हैं.
पुल पर युवा कर रहे खतरनाक स्टंट
ये युवा बाढ़ के बीच ख़ुद की जान को जोखिम में डालकर यमुना की जलधारा से खेलने काम कर रहे हैं. हालांकि स्थानीय करैली थाने की पुलिस इन्हें रोकने और टोकने का जरूर प्रयास कर रही है. लेकिन पुलिस के हटते ही तमाशबीनों और रील्स के लिए खतरनाक स्टंट करने वालों का मजमा पुल पर जुट जा रहा है. जिसके चलते हादसे की आशंका हर समय बनी रहती है.
वाराणसी के तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. वहीं, फतेहपुर जिले में भी बाढ़ से करीब 6 हजार बीघा फसल बर्बाद होने का अनुमान है, कोर्राकनक गांव की कई बीघा जमीन बढ़ के बाद कटान में बही. राहत शिविर में सुबह का नास्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना दिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हैं, क्लोरीन और ओआरएस के पैकेट भी बांटे जा रहे हैं.