trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02824704
Home >>प्रयागराज

Sawan 2025: सावन में गुटखा-पान और ध्रूमपान नहीं करेंगे पुजारी, रुद्राभिषेक के लिए ड्रेस कोड, मनकामेश्वर महादेव मंदिर में गाइडलाइन जारी

Prayagraj News: प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों और पुजारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है. मंदिर प्रबंधन ने साफ किया है कि अभिषेक कराने वाले पुजारी गुटखा, पान और ध्रूमपान का सेवन नहीं करेंगे.

Advertisement
Mankameshwar Mahadev temple
Mankameshwar Mahadev temple
Zee Media Bureau|Updated: Jul 03, 2025, 08:53 AM IST
Share

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: पवित्र श्रावण मास को लेकर प्रयागराज के यमुना तट पर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों और पुजारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है. मंदिर प्रबंधन ने साफ किया है कि अभिषेक कराने वाले पुजारी गुटखा, पान और ध्रूमपान का सेवन नहीं करेंगे.  यह नियम न सिर्फ पुजारियों पर लागू होगा बल्कि रुद्राभिषेक के लिए मंदिर आने वाले भक्त भी भोलेनाथ को स्पर्श नहीं कर पाएंगे.

जींस-टीशर्ट में नहीं कर पाएंगे रुद्राभिषेक 
इसके पहले मंदिर प्रबंधन ने रुद्राभिषेक के लिए जींस और टीशर्ट को प्रतिबंधित किया है. महिलाएं साड़ी या सूट सलवार में और पुरुष धोती कुर्ते में अभिषेक कर पाएंगे. वहीं श्रद्धालुओं के रुद्राभिषेक में शामिल होने के लिए ड्रेस कोड़ तय करने के बाद मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन ने पुजारियों के लिए भी गाइडलाइन तय कर दी है.

क्यों लिया गया ये फैसला
मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्रीधरानंद महराज ने कहा कि सनातन की वैदिक परम्परा से खिलवाड़ न हो, इसके लिए यह कदम उठाया गया है. आधुनिकता के युग में हम अपनी परम्परा और संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहें हैं. धर्म और कर्मकांड में भी हम परम्पराओं से हो रहे खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी उद्देश्य से मंदिर प्रबंधन ने सभी पुजारियों को साफ हिदायत दी है कि वह गुटखा, पान और ध्रूमपान का सेवन कर श्रावण मास में अभिषेक में शामिल होंगे.

नियम तोड़ने पर लिया जाएगा एक्शन
इतना ही नहीं अगर किसी ने नियमों को तोड़ने का प्रयास किया तो उसे चेतावनी स्वरूप पहले एक महीने के लिए और बाद में सुधार नहीं होने पर हमेशा के लिए मंदिर परिसर में एंट्री प्रतिबंधित कर दी जाएगी.वहीं मंदिर प्रबंधन के फैसले का मनकामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु स्वागत कर रहें हैं.

मनकामेश्व मंदिर का इतिहास
बता दें कि प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रयागराज के यमुना तट पर स्थित है. यहां पर त्रेता में भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे तो उन्होंने यहां पर माता सीता के साथ अभिषेक किया था. इसलिए यहां का महात्म काफ़ी बढ़ जाता है. श्रवण मास में तो हर दिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं. 

सावन में बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु
श्रवण के सोमवार पर यहां भक्तों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच जाता है. ऐसे में मंदिर प्रबंधन चाहता है कि सनातन की मर्यादा और परम्परा से कोई खिलवाड़ न हो, विधि विधान के साथ होने वाले अनुष्ठान से ही फल की प्राप्ति होती है. इसलिए मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के साथ पुजारियों के लिए गाइडलाइन तय की है.

Ayodhya News: मंदिर में नहीं चढ़ेगा ये प्रसाद, सावन मेले से पहले भोग को लेकर बड़ा फैसला, जानिए क्या हुए बदलाव

Sawan 2025: यूपी का अनोखा शिवलिंग, रोज तिल-तिल है बढ़ता, द्वापर युग से जुड़ा है इतिहास

 

 

Read More
{}{}