राजीव शर्मा/बहराइच: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच जेठ मेला विवाद पर शनिवार को फैसला सुनाया. कोर्ट की ओर से जेठ मेले को अनुमति देने से इंकार कर दिया गया है. हालांकि दरगाह शरीफ पर पारंपरिक धार्मिक गतिविधियों की इजाजत दे दी गई है. कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रखा है.कोर्ट ने साफ कहा है कि बहराइच जिला और पुलिस प्रशासन की मेला पर रोक में हम दखल नहीं देंगे. दरगाह पर होने वाले अन्य कार्यक्रम में सीमित संख्या में जायरीन शामिल हो सकेंगे, जिससे की माहौल न बिगड़े.
दरगाह मेले पर रोक का आदेश बरकरार
बहराइच के दरगाह जेठ मेले पर रोक का मामले में अर्जेंट सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने मेले की अनुमति नहीं दी. कोर्ट ने कहा है कि सीमित संख्या में जायरीन दरगाह पर जियारत कर सकते हैं. किसी प्रकार की बारात को दरगाह में लाने की कोई इजाज़त नहीं दी गयी है. सुरक्षा के मद्देनजर दरगाह पर भारी पुलिस फोर्स तैनात हुई. एसपी सिटी रामानंद कुशवाहा ने बयान देकर स्थिति साफ की. एसपी सिटी ने कहा कि
न लगेगा मेला, न आएगी बरात.
जिले की सीमाओं पर पुलिस का पहरा
सुरक्षा के मद्देनजर दरगाह पर भारी पुलिस फोर्स तैनात हुई है.आसपास के जिलों से भारी संख्या में आये पुलिस के जवान सुरक्षा की कमान संभाल रहे हैं. किसी भी तरह का उल्लंघन न होने पाए इसके लिये प्रॉपर गस्त कर रहे पुलिस के जवान.
वार्षिक जेठ मेले पर रोक
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले वार्षिक जेठ मेले पर रोक लगा दी थी. इस रोक को हटवाने के लिए दरगाह प्रबंध कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 14 और 15 मई को हुई. लेकिन इसमें कोई निस्तारण नहीं हो सका. शनिवार को स्पेशल बेंच में इस केस की सुनवाई हुई, जिसमें अंतरिम आदेश में दरगाह को धार्मिक अनुष्ठानों को करने की छूट मिल गई है. मेले और बारात पर रोक लगा दी गई है. दरगाह शरीफ में अनुष्ठानिक प्रथाओं को पूरा करने के लिए नियमित गतिविधियां खुली रहेंगी, जिसके लिए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी सहायता और आवश्यक नागरिक सुविधाएं राज्य द्वारा सहयोग से प्रदान की जाएंगी.
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