Fatehpur News: फतेहपुर के आबू नगर में स्थित अब्दुल समद के मकबर को लेकर आज बड़ा बवाल देखने को मिला. वीएचपी समेत बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मकबरे में घुस गए. उनके हाथ में हिंदू संगठनों की पताका, लाठी डंडे जैसे सामान थे. वे मकबरे में घुसकर नारेबाजी करने लगे. हिंदू संगठनों का दावा है कि यहां ठाकुर जी और भगवान भोलेनाथ का मंदिर है, जिसकी पूजा वो करके रहेंगे...ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या यहां वाकई शिव मंदिर और ठाकुर जी का मंदिर था. अगर था तो कितने वर्ष पहले था और फिर यह मकबरा कब बना और कितने साल पुराना है.
कितना पुराना है मकबरा
फतेहपुर के आबू नगर के रेडईया मोहल्ले में स्थित यह मकबरा सैकड़ों साल पुराना बताया जाता है. हिंदू संगठनों का दावा है कि पहले यहां पहले भगवान शिव और ठाकुर जी का मंदिर था, जिसे तोड़कर मकबरा बनाया गया. हिंदू संगठनों का दावा है कि इस मकबरे में शिवलिंग और नंदी की मूर्ति मौजूद है. इतना ही नहीं यह भी दावा है कि मकबरे की दीवारों और गुंबदों पर त्रिशूल, फूल और दूसरे हिंदू धार्मिक चिन्ह उकेरे हुए हैं. जो यह साबित करते हैं कि यह मकबरा नहीं बल्कि हिंदुओं का मंदिर था.
'500 साल पुराना है मकबरा'
वहीं, मकबरे के मुतवल्ली मोहम्मद नफीस के मुताबिक अब्दुल समद मकबरा 500 साल पुराना है, जिसे अकबर के पोते ने बनवाया था. यहां अबू मोहम्मद और अबू समद की मजारें मौजूद हैं. मोहम्मद नफीस बताते हैं कि इस मकबरे के निर्माण में 10 साल लगे थे.
क्या कहता सरकारी रिकॉर्ड
वहीं सरकारी रिकार्ड में खसरा नंबर 753 जहां पर मकबरा स्थित है एक राष्ट्रीय संपत्ति है जिसे 'मकबरा मांगी' बताया गया है. यह दर्शाता है कि यह एक संरक्षित संपत्ति है. हालांकि हाल ही में धार्मिक दावों के चलते पूरे इलाके में इस मकबरा को लेकर तानाव बढ़ गया है.
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कैसे विवादों में आया मकबरे का आस्तित्व
मंदिर या मकबरे का विवाद तब तूल पकड़ा जब एक स्थानीय युवक ने दावा किया कि साल 2007 से 2008 के बीच उसने मकबरे के अंदर मौजूद शिवलिंग पर दीपक जलाया था. युवक का दावा है कि मंदिर के स्वरूप से छेड़छाड़ की गई है जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इन्हीं दावों के बीच कुछ दिन पहले हिंदू संगठनों ने ऐलान किया था कि 11 अगस्त को वो इस मकबरे में पूजा करेंगे.
इन्ही दावों और ऐलानों के चलते सोमवार 11 अगस्त को सुरक्षा के लिए पुलिस लगाई गई थी लेकिन हिंदू संगठनों ने बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिये और नारे लगाते हुए मकबरे में पूजा करने के लिए घुस गए. यह दावा किया जा रहा है कि मकबरे को तोड़ने की कोशिश भी की गई है.
Disclaimer: लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता का दावा या पुष्टि ज़ी यूपी/यूके नहीं करता.