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UP Upchunav: बीजेपी का सिरदर्द बनी फूलपुर विधानसभा सीट, उपचुनाव में 40 नेताओं ने कर दी दावेदारी

Puhlpur Vidhansabha Upchunav 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की घोषणा अभी हुई नहीं है, लेकिन सभी दलों की दावेदारी और खेमेबंदी तेज हो गई है. खासकर बीजेपी में इस सीट पर चालीस दावेदार उभरे हैं.

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phulpur vidhansabha upchunav
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Vishal singh Raghuvanshi|Updated: Aug 03, 2024, 06:22 PM IST
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उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव  को लेकर हलचल तेज है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से जोश से लबरेज हैं वहीं सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा के खराब परिणाम से उबर कर दमदार वापसी की तैयारी में है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें फूलपुर  विधानसभा सीट भी शामिल है। यहां बीजेपी और सपा के बीच तगड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। हालांकि सत्तारूढ़ दल के पास 40 से ज्यादा ऐसे नेताओं की लिस्ट आई है, जो यहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर सीट पर उपचुनाव यहां के विधायक प्रवीण पटेल के लोकसभा सांसद निर्वाचित हो जाने की वजह से होना है। बीजेपी को यहां से कैंडिडेट का नाम तय करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। यहां से अब तक करीब 40 से ज्यादा दावेदारों के नाम सामने आ चुके हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है.

फूलपुर में जातीय समीकरण को देखते हुए यहां से पटेल, ब्राह्मण, वैश्य और यादव प्रत्याशियों की भरमार है। बीजेपी के लिए यह सीट आसान नहीं मानी जा रही है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां तकरीबन 2000 वोट के मामूली अंतर से ही जीतने में ही कामयाब हो सकी थी, जबकि दो महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा को 18 हजार से ज्यादा वोट से हार का सामना करना पड़ा था इसीलिए सपा भी अब निशाना साध रही है

अगर फूलपुर से पटेल बिरादरी के उम्मीदवारों की लिस्ट पर गौर करें तो फूलपुर की निवर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे और पूर्व विधायक दीपक पटेल सबसे अहम नाम है। विधायकी छोड़कर सांसद बने प्रवीण पटेल की पत्नी गोल्डी पटेल का नाम भी चल रहा है। पूर्व सांसद नागेंद्र पटेल, ब्लॉक प्रमुख जितेंद्र सिंह पटेल, पूर्व विधायक करन सिंह पटेल के बेटे और पार्टी के वरिष्ठ नेता विक्रम पटेल, गंगापार की जिलाध्यक्ष कविता पटेल और युवा नेता विपेन्द्र पटेल भी दावेदारी कर रहे हैं.

ब्राह्मण वर्ग के दावेदारों में सबसे बड़ा नाम इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा का है। उन्हें आरएसएस का आशीर्वाद भी हासिल है। पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडेय, बहरिया के ब्लॉक प्रमुख शशांक मिश्र, पूर्व जिलाध्यक्ष कन्हैया लाल पांडेय, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरुण कुमार मिश्र उर्फ पिंटू नेता, स्कूल संचालक संगम लाल मिश्र, डीपी पांडेय और पूर्व पार्षद उमेश द्विवेदी भी प्रमुख उम्मीदवार हैं।

वैश्य बिरादरी के नेता भी यहां दावेदारी जता रहे हैं। इनमें पूर्व महानगर अध्यक्ष और काशी प्रांत के मौजूदा उपाध्यक्ष अवधेश गुप्त, चायल के पूर्व विधायक संजय गुप्ता, जिला कोषाध्यक्ष आशीष केसरवानी, व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक रामबाबू केसरवानी, नमामि गंगे के संयोजक रहे गोपीनाथ स्वर्णकार अपनी दावेदारी जता रहे हैं.

बात अगर यादवों की करें तो बहादुरपुर के ब्लॉक प्रमुख अरुणेंद्र यादव उर्फ डब्बू यादव के अलावा काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष और नगर पंचायत के चेयरमैन अमरनाथ यादव भी दावेदारी कर रहे हैं. क्षत्रिय समाज से सहसो के पूर्व ब्लॉक प्रमुख राकेश सिंह और महिला मोर्चे में पदाधिकारी विजयलक्ष्मी सिंह चंदेल ने दावेदारी की है. पाल बिरादरी से पूर्व जिला उपाध्यक्ष चंद्रकेश पाल और जिला मंत्री कमलेश पाल टिकट चाहते हैं. दलित वर्ग से आने वाली पूर्व एमएलसी निर्मला पासवान भी दावेदारों में शामिल हैं. पूर्व डिप्टी मेयर और प्रदेश कार्यकारिणी में पदाधिकारी अनामिका चौधरी का नाम भी रेस में है.

उपचुनाव को लेकर अभी फिलहाल डेट नही घोषित हुई है लेकिन फूलपुर विधानसभा सीट पर दावेदारों की संख्या ने एक अनार 100 बीमार वाली स्थिति ला दी है, इससे भाजपा के अंदर असमंजस के हालात पैदा हो गए हैं.

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