Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में कई शहरों का नाम बदल गए हैं, जिनमें प्रयागराज का नाम भी है. जो पहले इलाहाबाद के नाम से मशहूर था. शहर का नाम बदलने के बाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलने की डिमांड होने लगी है. आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक कुमार मित्तल ने राज्यसभा में यह मांग की है. उन्होंने कहा कि जब शहर का नाम प्रयागराज हो चुका है, तो इन संस्थानों के नाम भी बदले जाने चाहिए. अशोक मित्तल ने संस्थानों और भवनों के ब्रिटिश काल में रखे गए नामों को भी बदलने की मांग की.
राज्यसभा में नाम बदलने की मांग
सदन में शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत ने 200 सालों तक अंग्रेजों के अत्याचार देखे. आजादी के 70 सालों के बाद भी कई हाई कोर्ट, सड़कों, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों के नाम अभी भी अंग्रेजों के नाम पर हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार ने कई कदम उठाए हैं. राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने, भारतीय दंड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता करने जैसे उदाहरण दिए और पूछा कि क्या यह पर्याप्त है?
सड़कें और अस्पताल के बदले नाम
अशोक मित्तल ने कहा कि बांबे हाई कोर्ट, मद्रास हाई कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट जैसे कई हाई कोर्ट के नाम अभी भी ब्रिटिश काल के हैं. दिल्ली में ऐसी सड़कें और अस्पताल हैं, जिनके नाम ब्रिटिश काल के हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रयागराज में महाकुंभ की पवित्र यात्रा करने का मौका मिला. शहर का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है, लेकिन वहां का हाई कोर्ट अब भी इलाहाबाद हाई कोर्ट, विश्वविद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लोकसभा क्षेत्र को इलाहाबाद के नाम से जाना जाता है. वह ब्रिटिश काल के नाम वाली इमारतों और संस्थानों के नाम बदलने के लिए राज्य सरकारों को भी पत्र लिखेंगे. उन्होंने उन संस्थाओं की पहचान करने के लिए एक संसदीय समिति गठित करने का भी सुझाव दिया जिनके नाम अभी भी ब्रिटिश काल से ही चले आ रहे हैं.
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