मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: यूपी की संगम नगरी प्रयागराज के तमाम इलाके बाढ़ में डूब चुके हैं तो वहीं वाराणसी समेत कई शहरों में नदियां उफान पर है. उत्तर प्रदेश में गंगा, सरयू, टोंस, वरुणा, गोमती नदियां उफान पर हैं। प्रयागराज में लगभग एक सप्ताह से उफान पर रहीं गंगा और यमुना का पानी कम होने लगा है, लेकिन दोनों नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान के ऊपर है. बदरा सोनौटी संपर्क मार्ग गंगा की बाढ़ से पूरी तरह जलमग्न हो गया है.
प्रयागराज में बाढ़ ने तटवर्ती इलाकों के साथ गांव में भी मचाई तबाही
बदरा सोनौटी संपर्क मार्ग गंगा की बाढ़ से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. सड़क पर पानी आने से लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है. नाव के सहारे ग्रामीण एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने को मजबूर हैं. बदरा सोनौटी इलाके में की जाने वाली धान की खेती भी बाढ़ से प्रभावित हुई है. 500 बीघे से अधिक की धान की खेती बाढ़ से जलमग्न हो गई. बाढ़ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र का महापौर गणेश केसरवानी ने निरीक्षण किया. महापौर गणेश केसरवानी ने बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद काआश्वासन दिया.
संपर्क मार्ग बाढ़ से डूबा
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा यमुना के जल तांडव से ग्रामीण इलाकों में हालात ज्यादा खराब हैं. शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर बदरा सोनौटी का सम्पर्क मार्ग गंगा में आई विकराल बाढ़ की जद में आ गया है. बदरा सोनौटी के अलावा हेता पट्टी, मुंशी का पुरा समेत दर्जनभर से अधिक इलाके को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग बाढ़ से डूब गया है. इतना ही नहीं यह इलाका आम तौर पर धान की खेती के लिए विख्यात है, यहां पर करीब 500 से अधिक बीघे में हुई धान की खेती भी पूरी तरह से बाढ़ में तब्दील है.
नाव ही एकमात्र सहारा
वहीं बदरा सोनौटी गांव का संपर्क मार्ग डूबने से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. यहां के हालात खराब होने के बाद जनप्रतिनिधि भी पहुंच गए हैं. महापौर गणेश केसरवानी ने इस इलाके का भ्रमण किया है। बाढ़ पीड़ितों से महापौर गणेश केसरवानी ने मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुनने के बाद उसके निस्तारण को लेकर ग्रामीणों को मदद के लिए आश्वस्त किया है. महापौर गणेश केसरवानी ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए त्वरित यहां पर एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं. ग्रामीणों को बाढ़ के प्रकोप से बचाने के साथ उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराने का भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है. महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि यहां आने वाली हर साल की बाढ़ की समस्या से निजात के लिए स्थाई तौर पर कदम उठाने की जरूरत है. महापौर ने कहा कि हम यहां की सड़क को ऊंची करने या फिर फ्लाईओवर का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेंगे। हर सम्भव प्रयास होगा कि यहां की वर्षों की इस समस्या से ग्रामीणों को निजात मिल सके.