मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: केंद्रीय कारागार की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के पास से मिली नकदी की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया ह. डीजी जेल प्रेमचंद मीणा के निर्देश पर गठित कमेटी शनिवार से अपना काम शुरू करेगी. जांच टीम माफिया के बेटे की बैरक तक नगदी पहुंचने की जांच करेगी. हर एंगल से इस मामले की जांच की जाएगी.
तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
मंगलवार को नैनी सेंट्रल जेल में बंद अली की हाईसिक्योरिटी बैरक से नगदी मिली थी. मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए डिप्टी जेलर और वार्डन को निलंबित किया जा चुका है. सभी जेल कर्मचारी सहमे हुए हैं. अब डिजी जेल के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी जांच करेगी. डीआईजी जेल प्रयागराज के साथ जांच कमेटी में वाराणसी जेल के वरिष्ठ अधिक्षक और गाजीपुर जेल के अधीक्षक शामिल हैं. जांच टीम माफिया के बेटे की बैरक तक नगदी पहुंचने की जांच करेगी. जेल कर्मियों के बयान के साथ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच की जाएगी.
हाई सिक्योरिटी सेल में बंद अली हमेशा सीसीटीवी कैमरे की नजर में रहता है. इसके साथ ही उसकी बैरक के बाहर बंदी रक्षकों की तैनाती की गई है. ऐसे में उसके पास नकद पैसा कैसे पहुंचा? इसे जेल प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है.
किसने दी था नकदी?
बताया जा रहा है कि सोमवार को अली अहमद से मिलने एक अधिवक्ता जेल पहुंचा था. सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हुई मुलाकात के दौरान उसने अली को पैसा दिया. हालांकि जेल नियमों के अनुसार, बंदियों को सीधे नकदी नहीं दी जा सकती. नकद राशि से जेल के अंदर केवल कूपन के जरिए सामान खरीदा जा सकता है, लेकिन अली ने ऐसा नहीं किया और पैसे अपने पास रख लिए. सीसीटीवी फुटेज से इस पूरी घटना का खुलासा हुआ, जिसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया.