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यूपी के इस मंदिर में नागपंचमी पर पूजा करने से कालसर्प दोष से मिलती है मुक्ति! भक्तों का उमड़ता है हुजूम

देशभर में आज नागपंचमी का पूर्व पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. भोलेनाथ के भक्त शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पहुंचे हैं. संगम नगरी प्रयागराज के प्राचीन नागवासुकी मंदिर में भी भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है.

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prayagraj Nagavasuki Temple
prayagraj Nagavasuki Temple
Zee Media Bureau|Updated: Jul 29, 2025, 09:43 AM IST
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प्रयागराज/मो.गुफरान: देशभर में आज नागपंचमी का पूर्व पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. भोलेनाथ के भक्त शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पहुंचे हैं. संगम नगरी प्रयागराज के प्राचीन नागवासुकी मंदिर में भी भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है. यहां पर बड़ी संख्या में भक्त नाग देवता की पूजा अर्चना कर रहें हैं. नाग देवता को दुग्ध और फूल अर्पित करने का सिलसिला सुबह से ही चल रहा है. 

दूर होते हैं कुंडली के सारे दोष
भक्त नाग देवता की पूजा अर्चना कर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहें हैं. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागवासुकी मंदिर में पूजा अर्चना से व्यक्ति के जीवन और कुंडली के सारे दोष दूर हो जाते हैं. यही वजह है कि नागपंचमी के मौके पर भक्त कतारों में लगकर नाग देवता की पूजा कर रहें हैं.

प्रयागराज का प्रचीन नागवासुकी मंदिर
प्रयागराज में गंगा के तट पर स्थित प्राचीन नागवासुकी मंदिर का पौराणिक ग्रंथों में जिक्र है. नागवासुकी मंदिर कालसर्प दोष निवारण के लिए विख्यात है. पूरे सावन मास यहां पर भक्तों का भारी हुजूम उमड़ता है, मान्यता है कि नागपंचमी के अवसर पर यहां पूजा अर्चना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इसी लिए आज के दिन यहां पर भक्तों की भारी भीड़ पहुंची है.

क्या है पौराणिक मान्यता?
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान नागवासुकि को रस्सी बनाकर देवताओं और दानवों ने समुद्र का मंथन किया था. समुद्र मंथन के बाद नागवासुकि काफी लहूलुहान हो गए थे. भगवान विष्णु की सलाह पर नागवासुकि ने संगम नगरी प्रयागराज के दारागंज इलाके में इसी स्थान पर आराम किया था. जिसके चलते इसे नागवासुकि मंदिर कहा जाता है. 

देश भर से सर्पदोष से मुक्ति के लिए आते हैं लोग
देश के कोने-कोने से श्रद्धालु सर्पदोष से मुक्ति पाने के लिए नागवासुकि महाराज का दर्शन करने और अनुष्ठान करने के लिए यहां पर आते हैं. मान्यता है कि यहां से कंकड़ ले जाकर घर में रखने पर घर पर कभी सांपों और नागों की छाया नहीं पड़ती है और सर्पदोष से मुक्ति मिलती है.

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